Wednesday 28 January 2015

India Vs China



आज सुबह-सुबह ठंड के मारे मेरी नींद नहीं खुली और मैं घूमने नहीं जा सका सोचा राज को Sorry बोल दुगा बेचारे के सुबह से 12 Missed Call आ चुके थे! अभी मैने उसे फ़ोन लगाने के लिए Mobile उठाया ही था की दरवाजे की घंटी बजी और मेरे दरवाजा खोलते ही राज मुझे धक्का देता हुआ अन्दर आ गया और चिढ़कर बोला "अबे आना नहीं था तो काम से काम एक Msg ही drop कर देता, पता है मैं कब से तुझे पागलो की तरह कॉल कर रहा हुँ!

मैने Sorry कहा और उसे बताया की मोबाइल Silent Mode पर था मगर उसने मेरी बात पर React नहीं किया मैने भी ज्यादा बात न करते हुए उसे पुराना पड़ा पेपर ही थमाया और उसके और अपने लिए कॉफी बनाने किचन में चला गया! जब मैं दोनों हाथो में मग लेकर बाहर आया तब राज Dr. Bharat Jhunjhunwala का Article "कर्ज लेकर घी पीने से नहीं बनेगी बात" पढ़ रहा था! फिर मेरे आते ही उसने पेपर Side में रख दिया और India Vs China युद्ध शुरू करते हुए बोला देख कितना बढ़िया Article है!

देख,कितना सही लिखा है "भारत सरकार देश को गिरवी रखकर जनता को अमेरिकी सेब खिला रही है,जब की चीनी सरकार अपनी जनता की इच्छाओ पर अंकुश लगाकर अपनी पैठ स्थापित कर रही है" ! 


फिर अच्छे खासे Article  को अपने हिसाब से तोड़-मरोड़कर बताने लगा इसका मतलब समझ बेटा China पैसे को जमा कर रहा है जब की India पैसो को खर्च कर रहा है इसीलिए तो China Import  ज्यादा करता है और Export कम ये करके वो अमेरिका पर Rule करना चाहता है ! जबकि अपन उल्टा करते है इसीलिए तो India दोबारा गुलामी की तरफ बढ़ रहा है! हम MNC बुलाना चाहते है जब की Indian Business को Avoid करते है वैसे भी अपन आधे गुलाम तो है ही क्योकि Worldwide  Language तो इंग्लिश ही मान्य है और World Bank  करेंसी भी $ ही सर्वमान्य है ! तभी तो सारी सम्पत्तिया $ में गिनी और बताई जाती है! जैसे Crude 40 $/ barrel है अरे इंडिया में बता रहे हो बोलते क्यों नहीं 2400 रुपए /बैरल है !


जानता है भाई China में 34% Student Engineering की पढ़ाई करते है जब की India में केवल 6 % student Engineering करते है मगर उसके बावजूद हमारे यहाँ उनके मुकाबले Quality Engineers की सख्या कम है और जो कुछ है वो अमेरिका की तरफ रुख करना चाहते है क्योकि हमारे यहाँ Foreign Jobs,Foreign Education को बढ़ावा दिया जाता है फिर बेचारा बंदा जायेगा भी क्यों नहीं वहां Package  जो ज्यादा है और Package  इसलिए ज्यादा है क्योकि 1950 में 1 $= 4 Rs होता था वही आज 1 $= 60 Rs हो गया है! यानि हम 65 सालो में 1 :4  से direct 1:60  पर पहुंच गए है !

भाई, सिर्फ मेरा भारत महान बोल देने से कोई देश महान नहीं बनता उसे महान बनाना पड़ता है और जैसे अगर तुझे खुश रहना है तो तू जबरजस्ती का कर्ज मत ले,अपने अंदर Improvement कर,अपने Relation सभी से सुधारकर शक्तियों को  मजबूत कर,अपने लोगो का पहले Support  कर, अब तू ही सोच भाई जब ये बाते एक बन्दे पर लागू हो सकती है तो फिर एक देश पर क्यों नहीं ?


 Finally इतने लम्बे भाषण को राज ने ये कहते हुए विराम दिया की छोड़ यार,कौन दिमाग लगाये वैसे भी अपने देश में सरकारी नौकरी में चपरासी बनने के लिए Qualification लगती है जबकि नेता तो अंगूठा छाप भी चल जाता है !

इतना बोलकर और मुझे कल Time पर Walk पर आने की हिदायत देकर राज चला गया जबकि में अब भी एक मूकदर्शक कि तरह वहां खड़ा था  !   

Public है ये सब जानती है


आज सुबह-सुबह में उठ तो गया मगर ठंड को देखते हुए रजाई से बाहर निकलने का मन ही नहीं हुआ सोचा,राज का फ़ोन आएगा तब उठुगा और घूमने जाऊगा फ़ोन तो नहीं आया! हाँ थोड़ी देर बाद मैसेज जरूर आया! लिखा था"भाई आज बहुत ठंड है मैं तो नहीं आ रहा,तुझे जाना है तो जा" पहले तो मैने भी सोचा कौन रजाई से निकले,मुँह धोये और घूमने जाये फिर अचानक मुझे मेरी बाहर आती तोंद का ख्याल आया और मैने सोने का त्याग किया और अकेला ही घूमने निकल गया ! 

न जाने क्यों आज सुबह-सुबह मुझे अपनी नहीं बल्कि देश की चिंता होने लगी और मैं मन ही मन सोचने लगा की क्या होगा इस देश का ? यहाँ कोई कुछ समझता ही नहीं कितना कुछ गलत हो रहा है और यही सब सोचते सोचते कब मैं' घर से निकलकर चौराहे पर पहुंच गया कुछ पता ही नहीं चला! जब मै चौराहे पर पंहुचा तो मैने देखा चाय की दुकान पर दो मजदूर ठंड से बचने के लिए आग तापते हुए पेपर पढ रहे थे मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ और ख़ुशी भी की चलो बढ़िया है देश तरक्की कर रहा है ! मैने देखा वो इतने परेशान दिख रहे थे मानो उनके ऊपर घर चलाने की नहीं बल्कि देश चलाने की जिम्मेदारी हो"वैसे भी आज की मँहगाई के ज़माने में देश चलाना आसान है घर चलाना मुश्किल" खैर मैने उनसे तो कुछ नहीं कहा बस एक चाय का गिलास उठाया और उनकी बाते सुनने उनके पास वाली चेयर पर बैठ गया ! उन्होंने भी मेरी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया और आपस में बतियाते हुए बोले"देखो भैया पेपर में लिखा है Crude के दाम कम होने पर भी पेट्रोल और डीजल के दामो में कोई कटौती नहीं हुई,क्योकि अपनी सरकार ने अपना हिस्सा बड़ा दिया और अब सरकार प्रतिशत के हिसाब से नहीं बल्कि प्रति लीटर पेट्रोल और डीजल पर अपना टैक्स लेगी और अपनी बैंड बजेगी क्योकि अब कल अगर पेपर में आया की सब्जियों के दाम कम हो गए है तो सब यही कहेंगे! पेपर में आया है टमाटर 20 रुपए किलो है आप 40 रुपए किलो बेच रहे हो इतनी लूट अच्छी नहीं भैया! अरे अब इन पढ़े-लिखो बेवकुफो को कौन समझाए की माल मंडी तक और मंडी से हमारी दुकानो और ठेलो तक तो रिक्शों और ट्रको से आता है न! सब्जी के दाम भले ही कम हो गए हो मगर सरकार ने पेट्रोल के भाव बढ़ाकर भाड़ा तो बड़ा दिया ना ये किसी को दिखेगा नहीं बस सब हमें ही लुटेरा समझेगे! 

तभी उसका साथी बोल पड़ा सच कहते हो भैया ये सरकार भी केवल सिगरेट और शराब पर टैक्स बढ़ाती है उन्हें बंद नहीं करती! पता है अपने बंसी काका का बेटा अभी 2 महीने पहले ज्यादा नशा करने के कारण मर गया "क्या करे भैया पीने वाले को मना करो तो वो मानता नहीं, और सरकार रोकती नहीं बस टैक्स बढ़ा देती है तो सिगरेट शराब मँहगी हो जाती है,पर इससे पीने वाले को क्या वो तो घर पर मार-पीट करके पैसे ले ही जाता है और पीता है ! फिर दूसरी तरफ धूम्रपान स्वास्थ के लिए हानिकारक है ऐसे विज्ञापन आते रहते है! अरे हम तो कहते है की जब मिलेगी ही नहीं तो ससुरा कोई पियेगा कैसे और जब पियेगा ही नहीं तो मरेगा नहीं !
बोल तो ठीक रहे हो भैया लेकिन करे क्या ऊपर सबको पैसा मिलता होगा इसलिए चलने देते होगे बेचारी जनता जिए या मरे इससे उन्हें क्या?वैसे भी अपने को तो वो 5 साल में एक ही बार याद करते है और तभी अपने पर जी भरकर पैसा भी लुटाते है !अरे वो क्या सोचते है क्या हम जानते नहीं की ये छुटपुट नेता जिन्हे सरकार की तरफ से तनखाह के नाम कोई 20-25 हज़ार मिलते होगे क्यों चुनावो में लाखो रुपए खर्च करते है? ऊपर से बोलते है हमें चुनो हम आपका भला करेंगे अरे हमारा भला करोगे या अपनी जेबे भरोगे! 

अरे हम तो 5वी से ज्यादा पड़े नहीं भैया तब भी इतना जानत है की गलत हो रहा है तो क्या ये बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमने वाले अफसरों को ये सब नहीं दिखता है क्या ?

अरे दिखता है भैया बस कोई कुछ कहता नहीं ! 
 क्यों ? 
अरे ये क्यों क्या छोड़ अपन चले पहले रोजी-रोटी की जुगाड़ करे वरना कल अख़बार में खबर आएगी देश ने तरक्क़ी की मगर हकीकत में अपने जैसे गरीबो के यहाँ चुल्ले भी नहीं जलेंगे !

Finally इतने बड़े discussion के बाद वो दोनों वहां से चले गए अब मुझे समझ आ रहा था की मैं गलत था जानते सब है बस कोई कुछ कर नहीं सकता ! 

 खैर किया तो मैने भी कुछ नहीं बस चाय वाले को पैसे चुकाए और"ये जो पब्लिक है ये सब जानती है ये जो पब्लिक है" गाना गुनगुनाते हुए घर आ गया !

हाँ उनका आखिर शब्द "क्यों"अब भी मेरे दिमाग में घूम रहा है !  



   


Monday 5 January 2015

कौन अपना कौन पराया




अरे सुनो हम गाँव जा रहे है तो वहां तुम सबके साथ बढ़े प्यार से रहना,सबकी बात मानना,मम्मी पापा की Respect करना,जाते ही सबके पैर छूना समझी-राहुल ने प्रिया को समझाइश देते हुए कहा !

अरे बस-बस कितना बोल रहे हो प्रिया ने राहुल को टोकते हुए कहा मैं क्या कोई विदेश से आई गुड़िया हूँ!
जो मुझे कुछ भी पता न हो की क्या करना है, क्या नहीं ? मुझे सब पता है तुम टेंशन मत लो- प्रिया ने चिढ़ते हुए कहा और सूटकेस ज़माने में बिजी हो गई !

दरअसल राहुल और प्रिया की नई-नई शादी हुई थी और मुम्बई में अपनी जॉब के चलते शादी के एक साल बाद राहुल और प्रिया पहली बार अपने घर जा रहे थे! राहुल के घर में वैसे भी गिने चुने 3 लोग ही तो थे! मम्मी, पापा और वो खुद जिसमे भी राहुल तो कभी घर में रहा ही नही पहले पढ़ाई के चक्कर में घर से दूर था तो अब जॉब के चलते घरवालो से दूर हो गया था! मगर आज वो अपने घर जा रहा था और मम्मी पापा को सरप्राइज देने के लिए उसने काफी सारे गिफ्ट लिए थे जो प्रिया ने सूटकेस में रखे या नहीं ये वो कम से कम 10 बार पूछ चूका था ! वैसे तो राहुल के एक ही सवाल को बार बार पूछने पर प्रिया को चिढ़ मच रही थी मगर राहुल के चेहरे पर Excitement और ख़ुशी देखकर प्रिया ने उसे कुछ नहीं कहा और दोबारा सूटकेस Reopen करके राहुल को सारे गिफ्ट दिखाए जो वो मम्मी पापा को देने के लिए लाया था और फिर राहुल को खुश होता देख प्रिया भी मुस्कुराने लगी !

हवाई जहाज और कार के सफर ने सफर को छोटा बना दिया और कुछ ही घंटो में प्रिया और राहुल गाँव पहुंच गए और मम्मी-पापा से बाते करने और उन्हें गिफ्ट दिखने में बिजी हो गए! मम्मी बहुत खुश थी क्योकि राहुल को उन्होंने पुरे एक साल बाद देखा था जबकि प्रिया से तो ये उनकी Informally पहली ही मुलाकात थी! जिससे अपने बेटे-बहु के साथ होने की ख़ुशी उनके चेहरे पर बार-बार आँसुओ के रूप में झलक रही थी! वैसे तो राहुल के पापा भी खुश थे पर क्या करते पापा तो पापा ठहरे हमारे यहाँ पापा के इमोशनल होने का रिवाज नहीं है इसलिए वो मम्मी का रोने में साथ नहीं निभा रहे थे ! हाँ आँखे उनकी भी नम थी मगर वो रो नहीं रहे थे बल्कि उन्हें तो इस बात की ख़ुशी थी की राहुल इस बार पुरे 20 दिनों के लिए आया है! क्योकि राहुल एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था और उसे कंपनी ने अभी कोई नया प्रोजेक्ट अलॉट नहीं किया था इसलिए वो पुरे 20 दिनों के लिए इस बार गाँव आया था!

पुराने दोस्तों,रिश्तेदारो,गाँव में अलग-अलग जगह घूमने में ही राहुल और प्रिया के 20 दिन कब पुरे हो गए उन्हें पता ही नहीं चला! इन 20 दिनों में राहुल की इज़्ज़त अपने गाँव में और बढ़ गई थी क्योकि इन 20 दिनों में एक बार भी राहुल ने पापा की किसी बात को नहीं टाला,वो जहाँ-जहाँ बोलते राहुल उनके साथ मिलने जाता उनकी हर बात मानता,अपने जिस भी किसी परिचित से पापा राहुल को मिलाते राहुल तुरंत उनके पैर छूता यही सब देखकर अब गाँव में राहुल की इज़्ज़त और बढ़ चुकी थी और अब सभी राहुल जैसा लायक बेटा बनने  की सलाह अपने बच्चो  को देते रहते ! कुल मिलकर इन 20 दिनों में राहुल पुरे गाँव का आदर्श बेटा बन चूका था ! जो अपने मम्मी-पापा की कोई बात नहीं टालता था ! हाँ  प्रिया की जरूर घर में एक दो बार नोक-झोक हुई मगर वो भी इतनी छोटी की कब सुलझ गई किसी को पता ही नहीं चला ! 20 दिन हँसते खेलते यू बीत गए मानो कल की बात हो !

 अगले दिन सुबह सुबह ही राहुल और प्रिया को मुंबई के लिए रवाना होना था इसलिए वो दोनों अपने कमरे में सूटकेस ज़माने में बिजी थे और जैसे आज से 20-21 दिन पहले राहुल प्रिया से गिफ्ट सूटकेस में रखे या नहीं ये पूछ रहा था! वही आज वो इस चीज की तसल्ली कर लेना चाहता था की मम्मी के दिए लड्डू और मठरी प्रिया ने बैग में रखे या नहीं !

 राहुल को इस तरह खुश देखकर प्रिया ने मुस्कुराकर राहुल से कहा " राहुल, क्यों न हम मम्मी पापा को भी अपने साथ मुंबई ले चले वो भी हमारे साथ वही रहेंगे, सब साथ रहेंगे बड़ा मजा आएगा फिर लड्डू का डब्बा राहुल को दिखाते हुए बोली तुम्हे ये पसंद है न मम्मी वहाँ होगी तो जब तुम्हारा लड्डू खाने का मन करे बोल देना वो बना देगी !

अरे प्रिया, कैसी बात करती हो? क्या करेंगे वो वहा आकर,गाँव में आराम से ही तो रह रहे है किस चीज़ की कमी है यहाँ उन्हें मैं हर महीने पैसे भी भेजता रहता हुँ ! नहीं-नहीं मम्मी-पापा हमारे साथ नहीं आयेगे! राहुल ने अपना फैसला प्रिया को सुनते हुए कहा

नहीं राहुल,मेरी बात तो सुनो इन 20 दिनों में मुझे महसूस होने लगा है की पिछले एक साल में हमने क्या खोया है! मुझे इन 20 दिनों में मम्मी-पापा के साथ रहकर ये अहसास होने लगा है कि घर और मकान में बहुत फर्क है और मैं चाहती हुँ की हम भी अपने मकान को घर बनाये और मम्मी-पापा के साथ रहे !

प्रिया,बेवकुफो जैसी बाते मत करो राहुल ने चिढ़ते हुए कहा "अरे यार देखो मेरा दिमाग ख़राब मत करो 15-20 दिनों के लिए साथ रहना,सबकी बात मानना,सबको adjust कर लेने में प्रॉब्लम नहीं आती मगर हमेशा साथ रहना अलग बात है! तुम्हे याद है जब हम यहाँ के लिए आ रहे थे तो मैने तुम्हे कितनी बाते सिखाई थी!समझो प्रिया,15-20 दिन सब adjust हो जाता है फिर नहीं हो पाता,समझो यहाँ मैं mindset करके आया हूँ!जो घरवाले बोलेगे वो करुगा वहाँ थोड़े ही होगा मुझसे ये सब और फिर तुम्हारी भी जॉब है अगर मम्मी-पापा ने वहा आकर तुम्हे जॉब नहीं करने दी तो नहीं-नहीं हम न तो रुक सकते है न ही मम्मी पापा को अपने साथ ले जा सकते है! तुम ये साथ रहने का भूत अपने सर से उतार दो हाँ अगर तुम्हे यहाँ इतना अच्छा लगा तो अगली बार से हम हर 6-6 महीने में आते जाते रहेंगे!                
 
 कैसी बात कर रहे हो राहुल मम्मी-पापा दोनों को पता है की में वहा जॉब करती हुँ तो उन्हें क्यों Problem होने लगी! मैं तो कहती हुँ तुम ये सब बेकार की बाते छोड़ो और मम्मी को भी बैग पैक करने का बोल दो !

Stop it Priya ,तुम्हे क्या एक बार में मेरी बात समझ नहीं आती?- राहुल ने चिल्लाते हुए कहा

अब ध्यान से सुनो न तो मम्मी-पापा हमारे साथ चल रहे है और न ही तुम अब इस बारे में घर में किसी से बात करोगी, समझी! प्रिया ने कोई जवाब नहीं दिया और चुप-चाप सोफे पर बैठी रही! वही पापा भी कमरे के बाहर खिड़की से टिक कर चुपचाप खड़े हाथो में अचार से भरी एक बर्नी थामे अपने बेटे-बहु की बाते सुन रहे थे! फिर अचार दिए बिना ही दोबारा अपने कमरे में आ गए और पलंग पर आकर बैठ गए!अपने पति के हाथ में अचार की बर्नी देखकर राहुल की माँ भी अपने पति के पास आकर बैठ गई और बोली "सुनो जी,राहुल अभी तो आया था और अब कल जा भी रहा है मेरा तो मन ही नहीं भराया मैं क्या कहती हूँ,आप राहुल से बात करो न वो क्या है प्रिया न कुछ नए ख्यालात की है अगर उसे कुछ प्रॉब्लम न हो तो क्यों न हम ही कुछ दिनों के लिए उनके पास मुंबई चले! आप रिटायर तो हो ही चुके हो फिर हमारा एक ही तो बेटा है हम वहां रहे या गाँव में क्या फर्क पड़ता है !

राहुल तो अपना है उसे तो हमारे वहाँ आने से ख़ुशी ही होगी !हाँ प्रिया जरूर पराई है अगर उसे कुछ ..........
इससे पहले राहुल की मम्मी कुछ और कहती पापा तुरंत बोल पड़े वो मेरी बेटी है और आज में जान गया हूँ कि कौन अपना है और कौन पराया !
   

Saturday 3 January 2015

पैसा बरस रहा है ?


                                                  


                                                     Is Investment is a game ? 

आज सुबह-सुबह मेरे पास एक Investment Advisory company के एजेंट का कॉल आया मेरे फ़ोन उठाते ही उसने कहा सर आप shares या commodities में Trade करते है क्या ?
मैने ऐसे ही हाँ में जवाब दे दिया उसने मुझे बताया सर आप हमारे through Trade कीजिये फिर उसने कहा सर आपके पास Invest करने के लिए कितना fund है ! मैने ऐसे ही एक लाख बोल दिया ! मेरे इतना कहते ही वो झट से बोल पड़ा सर आपके पास एक लाख का fund है ना Invest करने के लिए आप उसे हमारी कंपनी के through Invest कीजिये हमारी कंपनी आपको 15-20 हज़ार रुपए महीने का रिटर्न दिलवाएगी !

मुझसे रहा नहीं गया और मैने पूछ ही लिया यार 20%/month Return कैसे दिलवाओगे तो कहने लगा सर 20% थोड़े ही न है आप रोज वही एक लाख Invest करेंगे मतलब 20-25 दिनों में करीब 20-25 लाख Invest करेंगे ! हम तो आप को केवल1% यानि 20,000 /month का ही बोल रहे है कई Customers को तो हमने 2-3 % यानि 40-50 हज़ार रुपए महीने तक का रिटर्न दिलवाया है !

OK तो आपकी फीस कितनी है : मुझे अभी लेना तो नहीं था फिर भी मैने पूछ लिया!
 सर 6000 Only
और आपकी salary - अचानक ही मेरे मुँह से निकल गया !
क्या सर :-उसने  अचरज से कहा
नहीं कुछ नहीं : मैने कहा

बस सर,आप एक बार हमसे जुड़कर देखिये आपके लिए तो मेरे पास एक दम 100% guaranteed Tip है!
आप आज ही पैकेज ले लीजिये हमारी फीस तो एक दिन में ही निकल जाएगी तो सर क्या कहते है आप Payment बैंक में जमा करना पसंद करेंगे या Card से उसने बड़े ही confidence के साथ कहा!

एक पल को तो इतने मस्त रिटर्न सुनकर मुझे लालच आ गया और लगा की मैं अभी के अभी ही उसकी Scheme का हिस्सा बन जाऊ! मगर फिर मुझे राज अंकल का ख्याल आया जिन्हे में एक अच्छा Investor मानता हु ! इसलिए मैने उससे अभी Pack लेने के लिए तो मना कर दिया और कल कॉल करने के लिए कहा और फ़ोन काट दिया !
उसका बताया हुआ Return अब भी मेरे दिमाग में घूम रहा था !  इसलिए मैं तुरंत तैयार हुआ और राज अंकल के ऑफिस पहुंच गया! उस वक़्त अंकल के यहाँ कुछ लोग इस बात पर discussion कर रहे थे की Birla बेच दू, TATA खरीद लू ,सभी के चेहरो पर डर (पैसे खोने का डर ) साफ़ दिखाई दे रहा था ! अंकल उन्हें समझा रहे थे की टेंशन मत लो! अंकल ने कहा "कमाना है तो कुछ भी खरीद लो और 2019 तक Wait करो" आपने अभी जो भी नाम लिए है वो सभी कंपनी कमाकर देगी पर अभी खरीदू-बेचू करोगे तो TATA-Birla खुद आकर भी आपकी कमाई नहीं करवा सकते इसलिए शांति रखो और आराम करो! अभी अंकल का बोलना ख़त्म ही नहीं हुआ था की एक Banker अंकल बीच में बोल पड़े अरे साहब आप देखना परसो फिर भाव बढ़ेंगे और फिर सभी आपस में बहस करने लगे !

राज अंकल ने मुझे कोने में खड़ा देखा तो अपने पास बुला लिया और मेरे इतनी सुबह सुबह यहाँ आने का कारण पूछने लगे ! मैने उन्हें सुबह हुई मेरी और उस Agent की सारी बाते बताई !

मेरी बातो पर हँसते हुए अंकल बोले अरे यार ऐसे share की उछाल तो मैने कही देखी नहीं की तुम उसके कहने से एक लाख लगाओगे और Guaranteed 20,000 /month कमाओगे !

                                                      फिर बोले अच्छा कल एक काम करना उसे बोलना 100 रुपए के Stamp पर केवल इतना लिखकर दे की वो तुम्हे इन एक लाख रुपयो के बदले 5000 /month दिलवाएगा ! अरे भाई मेरा करीब 20-25 लाख का टोटल दुकान-फर्नीचर का आज का setup है ! मुझे ही अगर कोई 5 % दे यानि मेरे 20 लाख के setup के बदले1 लाख रुपए महीना सुखा profit  दे और जिंदगी भर ऐसे ही देते रहे तो मैं तो आज से ही काम करना बंद कर दू !

अरे यार ऐसा पैसा कहाँ बरस रहा है?

याद रखो ये सब Trader के काम है जो रोज सट्टा लगाते है जबकि तुमने कभी सुना है की Warren Buffet या Peter Lynch Trader थे नहीं वो Investor थे इसीलिए कमाते थे ! फिर मुस्कुराते हुए बोले 5 % नहीं बेटा 500% मिलेगा मगर Trader (सट्टोरियो) की तरह रोज-रोज लगाने से नहीं बल्कि Investor की तरह समझ के लगाने पर मिलेगा ! हाँ पर अगर लिख कर दे तो हमें जरूर बताना और ये बोलकर अंकल दोबारा मुस्कुरा दिए !

अच्छा अंकल तो आपके हिसाब से वो क्या करेंगे -मैने  पूछा 

मेरे हिसाब से तो 50 Customer को बोलेगे X share बढ़ेगा और 50 को बोलेगे X share घटेगा अब कुछ
तो होना ही है! अब बढ़ गया तो बढ़ने वाले 50 महीने भर के लिए उनके भक्त हो जायेगे बाकि बचे 50 लोग उन्हें छोड़ देंगे !
वैसे भी ये Trader पर focus करते है Investors पर नहीं !

वहाँ बैठे ज्यादातर लोग अब भी खरीदू-बेचू ही कर रहे थे ! उन्हें देखकर अब मैं समझ गया था की ये सब
Trader है जबकि राज अंकल Investor

2019 आएगा और Banker Uncle फिर रोयेंगे जब की Broker Uncle तब भी कमाएंगे और यही कहेंगे की शांति रखो 2024 आएगा तब भी Rate बढ़ेंगे  क्योकि वो जानते है -----


               Investment is a mind game not a casino game  
  
     
    

Thursday 1 January 2015

" रोटी मत दो, रोटी बनाने दो "



कल दोपहर को जब मैं बोर हो रहा था तो अपनी Favorite Movie OMG लगाकर बैठ गया! उसके एक सीन में परेश रावल जब सड़क से गुजरता है तो एक बच्चा अल्लाह के नाम पर कुछ दे दे, इस Style में भीख मांगता है! तब परेश रावल उससे कहता है की "ये अल्लाह के नाम पर भीख मांगना बंद कर दे भाई, और कुछ मेहनत का काम कर तो अल्लाह भी खुश होगा" ऐसा कहकर और उसके कटोरे में 500 रुपए का नोट डालकर वो आगे बढ़ जाता है ! फिर मूवी के End में बताया की वो बच्चा Boot Polish का काम करने लगता है!

जब ये सीन ख़त्म हुआ तो मुझे हैदराबाद के मेरे पडोसी राज भैया और उनका बनाया हुआ वो Concept सही लगने लगा की " रोटी मत दो,रोटी बनाने दो "

भैया अक्सर कहा करते थे की हमारे यहाँ किसी को रोटी नहीं देते ( I Mean Paise) बल्कि रोटी बनाने का सामान दे देते है ( I Mean Job ) और फिर उस सामान की मदद से वो बंदा खुद भी रोटी खाता है और हमें भी खिलाता है और एक बार उसे रोटी बनाते आ गई तो वो हमारे पास रहे या कही और वो कभी भूखा नहीं मरता!

मुझे याद है की तब मुझे उनकी बात पूरी तरह से समझ नहीं आई थी इसलिए मैने उनसे कहा भी था की क्या भैया कुछ भी कहते हो? "मदद तो मदद ही होती है,"चाहे पैसे की करो या काम की "बस मदद करने की नियत होना चाहिए!

 मगर राज भैया भी कहा मानने वाले थे बोले देख, ऐसा नहीं है तुझे क्या लगता है मदद करना भी क्या हमेशा अच्छा होता है

हाँ : मैने मुंडी हिलाते हुए कहा!

नहीं भाई ऐसा नहीं है सब यही सोचते है यहाँ तक की हमारी सरकार भी यही सोचती है तभी तो वो गरीबो को 1 रुपए किलो में गेहूँ, 2 रुपए किलो में चावल,एक बत्ती मुफ्त कनेक्शन और भी न जाने क्या क्या बाटत्ती रहती है! 

अरे क्या भैया आप भी,सरकार बेचारी अगर गरीबो को कुछ दे कर उनका भला कर रही है तो इसमें आपको क्या प्रॉब्लम है-मैने थोड़ा चिढ़ते हुए कहा 
        
 बोले देख,तू समझ इसमें सबका नुकसान है मदद पाने वाले का भी और देने का भी !

 क्योकि अगर उन्हें हर चीज़ मुफ्त के भाव में मिलने लगी तो वे काम ही क्यों करेंगे? अरे इसीलिए तो ये हालत है की एक तरफ आप बेरोजगारी का रोना रोते रहते हो तो दूसरी तरफ हम दुकानदारो को दुकानो पर काम करने वाले मजदूर नहीं मिलते ! ऐसा इसलिए होता है क्योकि जब उन्हें सब कुछ मुफ्त में ही मिल जाता है तो वो जबरजस्ती हमारे यहाँ आकर अपना पसीना बहाना ठीक नहीं समझते ! तो अगर सरकार चाहती है की सच में गरीबी मिटे तो उन्हें सभी को काम देने पर ध्यान देना होगा न की सामान देने पर !
  
तो चलो आप ही बताओ की क्या करना चाहिए? 

अरे करना क्या देख, हम भी अपने लोगो को गाँव से यहाँ लाते है,यहाँ लाकर हम उन्हें काम सिखाते है, फिर उन्हें काम देते है कुल मिलकर अगर में Short में कहु तो हम उन्हें "रोटी नहीं देते बल्कि रोटी बनाने देते है"!
अभी तूने कहा न की दौनौ में क्या फर्क है तो मैं तुझे बता दु की रोटी देने और रोटी बनाने देने में बहुत फर्क है!

क्योकि रोटी दे देने से रोटी मागने वाले की ,मागने की आदत हो जाएगी और अगर एक बार उसे रोटी मागने की आदत पड़ गई तो फिर वो हमेशा मांग कर ही खाना चाहेगा ! (क्योकि ये आसान है) 

जबकि रोटी बनाने देने I mean काम देने से होगा ये की एक तो उसे उसकी असली कीमत समझ आएगी! दूसरा खुद के दम पर रोटी पाने से उसमे Confidence भी बढ़ेगा और वो अपने को किसी लायक भी समझेगा और सारी ज़िन्दगी आराम से कमाकर खाएगा !

दूसरा फायदा बताते हुए भैया ने कहा की रोटी तो चाहे कितनी भी दो कभी न कभी तो खत्म हो ही जाएगी !(मदद चाहे 10,000 की करो या 50,000 की)  एक न एक दिन तो पैसे खत्म होने ही है और उनके खत्म होते ही मदद मागने वाला दोबारा हाथ फैलाने लगेगा ! इससे तो अच्छा ये है की जिसकी आप 10,000 की मदद करने वाले थे उसी को 5,000 रुपए का काम दिलवा दो इससे फायदा ये होगा की वो सारी ज़िन्दगी उस काम से कमाकर खायेगा और रोटी बनाने ( काम देने वाले ) में मदद करने वाले का ज़िन्दगी भर अहसान मानेगा ! इसमें एक अच्छी बात और ये भी होगी की रोटी देने (काम देने) वाले के मंन में भी कभी ये नहीं आएगा की साला मुफ्त की रोटिया तोड़ रहा है !

आखिर में बोले भाया हमारे यहाँ कहते है की अगर किसी बेसहारा बूढ़े व्यक्ति की मदद करना, उसे रोटी खिलाना पुण्य का काम है तो किसी हट्टे कट्टे को बिठाकर रोटी खिलाना पाप का ! 

क्योकि ऐसा करके आप उस इंसान की तरक्क़ी रोक देते हो! 

मैं अभी राज भैया की इन सब बातो को याद कर ही रहा था कि राज भैया का हैदराबाद से कॉल आ गया और मैं रोटी बनाने ,खाने की इन बातो को छोड़कर राज भैया से बाते करने में बिजी हो गया!