नहीं पापा क्या करेंगे चलकर आपको तो पता ही है मैं ऐसी जगहों पर बोर हो जाता हूँ -राज ने अपने पापा से कहा
पापा ने राज को समझाया बेटा ऐसा नहीं बोलते 26 जनवरी का कार्यक्रम तो देखना ही चाहिए वहां देशभक्ति के गीत होगे,भाषण होगे, हाँ तुम्हे आखिर में लड्डू भी मिलेगा!
राज जाना तो नहीं चाहता था न ही उसका पापा की बात मानने का कोई मन था! मगर जैसे ही पापा ने लड्डू का नाम लिया तो राज झट से पापा के साथ चौराहे पर हो रहे "एक शाम भारत माँ के नाम " देखने चलने के लिए तैयार हो गया! राज आ तो गया मगर उसका मन वहाँ नहीं था उसे इंतज़ार था तो बस इस बात का की कब नेताजी अपना भाषण खत्म करें और उसे लड्डू मिले जिसके लिए वो यहाँ आया था! इसीलिए जब से वह वहाँ आया उसने नेताजी के भाषण सुनने से बढ़िया गाने सुनने में Interest लिया और मोबाइल पर गाने सुनने में बिजी हो गया! इधर नेताजी देश की बेरोजगारी,गरीबी असमानता ऐसे बड़े बड़े मुद्दो पर भाषण दे ही रहे थे कि दूसरी तरफ एक बच्चे ने आकर राज के साथ खेलना शुरू कर दिया और जैसे ही राज ने बच्चे को गोद में उठाया की बच्चे ने राज के कानो में लगे ईयरफोन को मोबाइल से जुदा कर दिया जिससे पंडाल में जहा अब तक शांति और केवल नेताजी का भाषण ही सुनाई दे रहा था! वही अब "उल्लाला -उल्लाला " की आवाजे गुजने लगी!
जिसे सुनकर नेताजी ने गुस्से से राज की और देखा और सारे कार्यकर्ता भी राज की और लपके क्योकि उनके हिसाब से ये उनके नेताजी का अपमान था की कोई उनके भाषण के बीच गाने सुन रहा था! मगर इससे पहले वे कुछ करते पापा ने राज को डाट लगाई और उसका मोबाइल छीनकर उसे बंद करके अपनी जेब में डाल लिया!
भाषण ख़त्म हुआ और भाषण के खत्म होने पर पार्टी कार्यकर्ताओ ने सभी आने वालो को 1-1 लड्डू देने की व्यवस्था कर रखी थी! जिसके चक्कर में ही सारा पंडाल नेताजी का भाषण सुनने आया था! लड्डू लेने के लिए सभी को एक लाइन से जाना था इसलिए राज भी अपने पापा के साथ लाइन में खड़ा हो गया और लाइन के साथ-साथ आगे बढ़ने लगा! जब राज आगे बढ़ रहा था तो उसने नेताजी को किसी बूढ़े आदमी पर चिल्लाते सुना "वे अपने चमचो से कह रहे थे इस बूढ़े को किसने घुसने दिया बाहर करो इसे और तभी नेताजी की आज्ञा का पालन करते हुए एक चमचे ने उस बूढ़े आदमी को लाइन से धक्का दे दिया! बूढ़ा बेचारा एक गड्डे में जा गिरा! इधर लाइन अब भी अपनी रफ़्तार से आगे बढ़ रही थी किसी ने उस बूढ़े की और ध्यान नहीं दिया! हाँ राज कुछ कहना चाहता था पर पापा ने उसे रोक दिया और अपनी जेब से मोबाइल निकालकर राज को दे दिया! मोबाइल पाकर राज खुश हो गया और गाने सुनते-सुनते लाइन के साथ आगे बढ़ने लगा और बढ़ते-बढ़ते वो अब लड्डू बाँट रहे नेताजी के सामने पहुंच गया! नेताजी ने अपना मुँह टेड़ा करते हुए राज के हाथ में एक लड्डू थमाया और दुबारा अपने चेहरे पर कुटिल मुस्कान बिखेरते हुए लड्डू बाटने में बिजी हो गए!
राहुल जैसे ही भीड़ से अलग हुआ उसने पापा से भी उनका लड्डू मांगा! पापा ने बड़े प्यार से अपने बेटे के सर पर हाथ फेरा और उसे लड्डू देकर स्कूटर लेने चले गए! अब राज दोनों लड्डूओ को अपनी मुठ्ठी में बांधकर उसी बूढ़े आदमी के पास गया और उसने अपना और पापा दोनों का लड्डू उस बूढ़े को दिया और उसे बाय बोलकर पापा के साथ स्कूटर पर बैठकर चला गया !