Tuesday 23 December 2014

लड्डू


 नहीं पापा क्या करेंगे चलकर आपको तो पता ही है मैं ऐसी जगहों पर बोर हो जाता हूँ -राज ने अपने पापा से कहा
पापा ने राज को समझाया बेटा ऐसा नहीं बोलते 26 जनवरी का कार्यक्रम तो देखना ही चाहिए वहां देशभक्ति के गीत होगे,भाषण होगे, हाँ तुम्हे आखिर में लड्डू भी मिलेगा!
               

राज जाना तो नहीं चाहता था न ही उसका पापा की बात मानने का कोई मन था! मगर जैसे ही पापा ने लड्डू   का नाम लिया तो राज झट से पापा के साथ चौराहे पर हो रहे "एक शाम भारत माँ के नाम " देखने चलने के लिए तैयार हो गया! राज आ तो गया मगर उसका मन वहाँ नहीं था उसे इंतज़ार था तो बस इस बात का की कब नेताजी अपना भाषण खत्म करें और उसे लड्डू मिले जिसके लिए वो यहाँ आया था! इसीलिए जब से वह वहाँ आया उसने नेताजी के भाषण सुनने से बढ़िया गाने सुनने में Interest लिया और मोबाइल पर गाने सुनने  में बिजी हो गया! इधर नेताजी देश की बेरोजगारी,गरीबी असमानता ऐसे बड़े बड़े मुद्दो पर भाषण दे ही रहे थे कि दूसरी तरफ एक बच्चे ने आकर राज के साथ खेलना शुरू कर दिया और जैसे ही राज ने बच्चे को गोद में उठाया की बच्चे ने राज के कानो में लगे ईयरफोन को मोबाइल से जुदा कर दिया जिससे पंडाल में जहा अब तक शांति और केवल नेताजी का भाषण ही सुनाई दे रहा था! वही अब "उल्लाला -उल्लाला " की आवाजे गुजने लगी!

जिसे सुनकर नेताजी ने गुस्से से राज  की और देखा और सारे कार्यकर्ता भी राज की और लपके क्योकि उनके हिसाब से ये उनके नेताजी का अपमान था की कोई उनके भाषण के बीच गाने सुन रहा था! मगर इससे पहले वे कुछ करते पापा ने राज को डाट लगाई और उसका मोबाइल छीनकर उसे बंद करके अपनी जेब में डाल लिया!

भाषण ख़त्म हुआ और भाषण के खत्म होने पर पार्टी कार्यकर्ताओ ने सभी आने वालो को 1-1 लड्डू देने की व्यवस्था कर रखी थी! जिसके चक्कर में ही सारा पंडाल नेताजी का भाषण सुनने आया था! लड्डू लेने के लिए सभी को एक लाइन से जाना था इसलिए राज भी अपने पापा के साथ लाइन में खड़ा हो गया और लाइन के साथ-साथ आगे बढ़ने लगा! जब राज आगे बढ़ रहा था तो उसने नेताजी को किसी बूढ़े आदमी पर चिल्लाते सुना "वे अपने चमचो से कह रहे थे इस बूढ़े को किसने घुसने दिया बाहर करो इसे और तभी नेताजी की आज्ञा का पालन करते हुए एक चमचे ने उस बूढ़े आदमी को लाइन से धक्का दे दिया! बूढ़ा बेचारा एक गड्डे  में जा गिरा! इधर लाइन अब भी अपनी रफ़्तार से आगे बढ़ रही थी किसी ने उस बूढ़े की और ध्यान नहीं दिया! हाँ राज कुछ कहना चाहता था पर पापा ने उसे रोक दिया और अपनी जेब से मोबाइल निकालकर राज को दे दिया! मोबाइल पाकर राज खुश हो गया और गाने सुनते-सुनते लाइन के साथ आगे बढ़ने लगा और बढ़ते-बढ़ते वो अब लड्डू बाँट रहे नेताजी के सामने पहुंच गया! नेताजी ने अपना मुँह टेड़ा करते हुए राज के हाथ में एक लड्डू थमाया और दुबारा अपने चेहरे पर कुटिल मुस्कान बिखेरते हुए लड्डू बाटने में बिजी हो गए!

राहुल जैसे ही भीड़ से अलग हुआ उसने पापा से भी उनका लड्डू मांगा! पापा ने बड़े प्यार से अपने बेटे के सर पर हाथ फेरा और उसे लड्डू देकर स्कूटर लेने चले गए! अब राज दोनों लड्डूओ को अपनी मुठ्ठी में बांधकर उसी बूढ़े आदमी के पास गया और उसने अपना और पापा दोनों का लड्डू उस बूढ़े को दिया और उसे बाय बोलकर पापा के साथ स्कूटर पर बैठकर चला गया !             

Monday 22 December 2014

तू बुरा बन जा


राहुल और प्रिया की नई-नई शादी हुई और प्रिया जो अब तक अपने पापा के साथ अकेली रहती थी उसे राहुल का साथ पाकर एक पति के साथ ही एक परिवार भी मिल गया क्योकि जहाँ प्रिया के मायके में केवल उसके पिता थे वही राहुल का अपना पूरा हँसता खेलता परिवार था जिसमे उसके अलावा उसके मम्मी-पापा और एक छोटा भाई था ! वैसे तो राहुल का परिवार एक मध्यमवर्गीय परिवार था ! मगर फिर भी उसके घर में जरुरत की सारी चीजे मौजूद थी ! शुरुआत के दिनों में तो सबकुछ अच्छा चल रहा था और शुरू शुरू में जब कोई प्रिया की तारीफ भी करता तो राहुल को अपने आप पर गर्व महसूस होता! मानो इसका सारा श्रेय उसी को जाता हो जबकि जॉब और पैसा कमाने के चक्कर में वो इतना बिजी था की उसने अपने विवाह की सारी जिम्मेदारी अपने मम्मी-पापा को दे रखी थी ! हाँ लड़की फाइनल उसे करनी थी इसलिए वो केवल लड़की देखने जाता और अपनी शर्तो को हर लड़की के सामने रख देता! जैसी की शर्ते उसने प्रिया के सामने भी रखी थी! जिसे प्रिया ने सहर्ष स्वीकार कर लिया था और राहुल और प्रिया की शादी हो गयी!

कुछ महीनो तक तो सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा! हाँ  राहुल और प्रिया में थोड़ी बहुत तकरार होती रहती जिसका कारण भी राहुल का गुस्सा ही था जो हमेशा उसकी नाक पर बैठा रहता था जिसके कारण  दफ्तर में भी उसका खौफ था और प्रिया भी उसका खौफ महसूस करती और इसीलिए जब कड़क आवाज में राहुल कुछ  कहता तो प्रिया चुपचाप उसकी हर बात मान लेती ! ऐसा नहीं था की राहुल नहीं चाहता था की घर में हमेशा खुशनुमा माहोल रहे !बल्कि वो तो सभी से बहुत प्यार करता और सबको खुश रखना चाहता था मगर उसका ग़ुस्सा उसके Control में नहीं था और इसकारण हर छोटी छोटी बातो पर उसका दिमाग ख़राब होता और वो चिल्लाने लगता!

शादी के कुछ दिन तो बड़े आराम से बीत गए मगर धीरे-धीरे साँस-बहु में हलकी फुल्की टकरार शुरू हो गयी जो वक़्त के साथ साथ बढ़ने लगी  फिर तो ये रोज का ही सिलसिला हो गया अब या तो प्रिया मम्मी के बारे में कुछ कहती तो कभी मम्मी प्रिया पर ताना कासी करती! वैसे तो राहुल इन सब बातो पर कम ही ध्यान देता मगर जब धीरे-धीरे बात बिगड़ने लगी तो राहुल भी अब इन सब बातो से परेशान रहने लगा! जिसका सीधा असर उसके काम पर ऐसा पड़ा की अपनी Sales Team  के Top Sales Person की गिनती में आने वाला राहुल पूरे महीने में एक से ज्यादा Sale नहीं कर पाया! राहुल की परेशानी अब उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी जिसे भापकर ही बॉस ने राहुल को रोककर साफ साफ कहा" यार राहुल क्या Problem अगर काम से Related कोई प्रॉब्लम हो तो बताओ और यार अगर तुम्हारी कोई पर्सनल प्रॉब्लम हो तो इसे जितना जल्द से जल्द हो सके सॉल्व  कर लो !
                         फिर बॉस ने बड़े प्यार से राहुल के सर पर हाथ रखते हुए कहा  याद रखो राहुल , हम सेल्स फील्ड में है यहाँ जो बेचता है उसी का सिक्का चलता है और सिर्फ उसी की इज्जत होती है तुम्हे भी इस बार किसी ने  कुछ नहीं कहा  तो इसका कारण भी तुम्हारा पिछले कई महीनो का बेस्ट परफॉर्मेंस है ! इतना बोलकर मुस्कुराते हुए राहुल के बॉस वहा से चले गए और राहुल भी अपना लटकता चेहरा लेकर घर लौट आया!

जब राहुल घर  पंहुचा तब प्रिया अपनी सास के साथ बाजार गई थी और घर में केवल राहुल के पापा थे जो उस वक़्त सोफे पर बैठे-बैठे अख़बार पढ़ रहे थे ! राहुल भी ख़ामोशी से अपने पापा के पास आकर बैठ  गया पापा की अनुभवी आँखो ने राहुल का चेहरा पढ लिया और फिर जैसे ही पापा राहुल के पास आए की राहुल एक छोटे बच्चे  की तरह पापा के कंधे पर सर रखकर रोने लगा और रोते -रोते ही उसने ऑफिस में हुई सारी बाते और उसके दुखी रहने का कारण भी पापा को बता दिया!

"तू बुरा बन जा " पापा ने केवल इतना कहा और राहुल का माथा चूमकर वहा से चले गए ! रात  भर राहुल पापा के  "तू बुरा बन जा" इस वाक्य  के बारे में सोचता रहा मगर उसे कुछ समझ न आया !

सुबह-सुबह जब राहुल ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था तभी किसी बात को लेकर वह प्रिया पर जोर-जोर से चिल्लाने  लगा जिसे सुनकर राहुल के मम्मी पापा भी कमरे में आ गए ! पापा ने राहुल को चुप रहने का इशारा किया और प्रिया के सर पर हाथ फेरते हुए बोले "क्या हुआ बेटा "? क्या बात है ? मगर प्रिया ने कोई बात नहीं पापाजी केवल  इतना कहा और खामोश हो गई!

 अरे कुछ  क्या नहीं एक काम भी टाइम पर नहीं करती दिनभर बैठी रहती है  इस तरह राहुल, मम्मी पापा के सामने ही प्रिया पर चिल्लाने लगा और उसे ताने देने लगा! राहुल अभी प्रिया पर चिल्ला ही रहा था की मम्मी ने प्रिया का बचाव करते हुए राहुल को डाटना शुरू  कर दिया !
                                      " चुपकर राहुल, खुद तो हाथ से एक गिलास पानी तक नहीं लेता बेचारी प्रिया ही सबका ध्यान रखती है दिनभर सबकी सेवा करती रहती है और तू है की इसे ही ताने दे रहा है! मम्मी के मुख से अपने लिए ये बातें सुनकर प्रिया की आँखे भर आई जब की राहुल अब प्रिया को छोड़कर मम्मी से लड़ने लगा और बोला " मम्मी आप रहने दो प्लीज अपना काम करो जब देखो तब………………… और इससे पहले राहुल कुछ बोलता प्रिया जो अभी तक चुप-चाप होकर राहुल की डाट -फटकार और ताने  सुन रही थी एक दम से जोर से चिल्ला उठी  चुप रहो आप, जब देखो तब कुछ न कुछ बोलते रहते हो ,क्या बोल रहे हो ? किसके बारे में बोल रहे हो कुछ समझ भी आता  है "ये मेरी माँ है",माँ , समझे अपनी सारी अफसरी अपने दफ्तर में छोड़कर आया करो ख़बरदार जो कभी मम्मी पापा से ऊची आवाज में बात की तो और इतना कहकर प्रिया अपनी सास के गले लगकर रोने लगी !
तभी पापा राहुल का हाथ पकड़कर उसे कमरे से बाहर ले आये कमरे से बाहर निकलते वक़्त राहुल ने अपने पापा की तरफ देखा तो वे मुस्कुरा रहे थे क्योकि उनके बेटे ने उनकी बात का मर्म जो समझ लिया था!





Monday 1 December 2014

लत लग गई -लग गई


सुबह सुबह की सैर वाकई बहुत अच्छी होती है और मेरे लिए तो ये कुछ ज्यादा ही अच्छी है! क्योकि मुझे ऐसा लगता है की दिन भर में एक वही समय होता है जब मेरा दिमाग Active होकर काम करता है!
वैसे भी जब में छोटा था तो अक्सर घरवाले कहा करते थे कि सुबह सुबह पढ़ाई किया कर सुबह सुबह का याद किया हुआ ज्यादा याद रहता है!फिर जैसे-जैसे मैं बड़ा होने लगा मुझे पता चला सुबह-सुबह घूमना ,योग करना ,Meditation करना,कसरत करना और भी न जाने क्या- क्या अच्छा होता है! धीरे-धीरे तो मुझे यही लगने लगा कि जब सभी कुछ सुबह-सुबह करना ही अच्छा होता है तो दोपहर में क्या केवल सोना अच्छा होता है !

खैर अब सब की बात मानकर सबकुछ तो नहीं कर सकते इसलिए मेरी आपको सलाह यही है की आप सुबह -सुबह वही काम करे जो आपको सबसे ज्यादा पसंद हो और अगर कुछ समझ न आये तो मुँह धोकर मेरा Blog पड़ने बैठ जाइये अच्छा है न मुझे Blog लिखने की अादत हो जाएगी और आपको पढ़ने की!

चलो अब आप Blog पढ़ने  बैठ ही गए हो तो मैं आपको आज की Morning walk News सुना ही देता हुँ !
तो आज जब में चुप-चाप अपने दोस्त राज के साथ घूम रहा था की अचानक ही राज के दिमाग की Tubelight जली और वो मुझसे इस बात को लेकर Discussion  ( वैसे हमारा Discussion cum Argument होता है ) करने लगा!
 हमारे यहाँ Government जो सफाई कराओ,हेलमेट पहनाओ जैसे नियम बनाती रहती है उन्हें Foreign Countries  की तरह Implement में क्यों नहीं ला पाती ! उसने सड़क पर चलते 2-4 Rule Breaking  के Live   Example भी बताये ! मगर जब मैने उसकी बात पर React नहीं किया तो खुद ही कहने लगा हाँ यार अपने यहाँ कोई सुधारना ही नहीं चाहता कितना भी करो 4 दिन जुम्मा-जुम्मा असर रहता है फिर वही  हाल बेचारी Government करे भी तो क्या करे?

 मैं अब भी खामोश था तो राज चिढ़ते हुए बोला" अबे कुछ तो बक मैं तुझसे ही बात कर रहा हुँ  मन में बड-बड  नहीं कर रहा बता तुझे क्या लगता है क्या कभी Government  की ये योजनाऍ Successful हो सकती है-अबे कुछ तो बक राज ने दोबारा चिढ़ते हुए कहा

मैं जनता था की अब तक वो अपने मन की सारी  भड़ास निकल चूका है तो मैने बिना उससे कुछ कहे Race-2 मूवी का गाना गुनगुना शुरू कर दिया " मुझे तो तेरी लत लग गई-लग गई जमाना कहे लत ये गलत लग गई मुझे तेरी ……………

मैने जैसे ही गाना शुरू किया की राज चिढ़कर वहा से जाने लगा तो मैने उसे रोका और उसके Discussion cum Argument का हिस्सा बनते हुए बोला देख,बात सिर्फ लत की होती है अब लत चाहे अच्छी हो या बुरी मगर अगर एक बार लोगो को लत लग जाती है तो लोग अपने आप वो काम करने लग जाते है!
अगर Government  भी चाहती है की लोग नियमो का पालन करे तो उन्हें पहले लोगो को इसकी आदत डालना होगी! एक बार आदत में आने के बाद लोग अपने आप मानने  लगेंगे! मेरे इस 2 min के छोटे से भाषण को सुनकर राज ने जो Expression बनाये वो मुझे इतना बताने के लिए काफी थे की उसे मेरी बात बिलकुल भी समझ नहीं आई है !

फिर मैने उस Techno-Friendly  कीड़े को उसी की भाषा में समझाया की देख सब आदत की बात होती है ! सन 2000 में Mobile आया,2007 में Facebook आया,2011 में Android Mobile और What'app आए और अभी इस साल जब से Selfi  की demand Market में बढ़ी तब से ऐसे Mobile आ गए की आँखे झपकाओ और Selfi Ready तो तुझे क्या लगता है companies ने क्या किया केवल इतना ही ना की पहले कुछ Rate कम रखे थोड़ा बहुत Marketing Promotion किया और आज देख ये सभी हमारी Life के कितने Imp part बन गए है!
अब तू देख अब लोग Mobile ,Facebook,What'app,Selfi  इन चीजो के बिना अपना जीवन अधूरा मानते है जैसे आज से 15 साल पहले जब ये सब चीजे नहीं थी तो कोई जीता ही नहीं था मगर आज हालत ये है की बंदा खाने के बिना रह सकता है,घर में अकेला रह सकता है पर अपने Mobile से दूर रहने का दर्द कोई नहीं सह सकता !

अबे तू दूर क्यों जाता है अपने आप को ही ले  क्या आज तू FB, What'app के बिना रह सकता है!
तेरी खुद की हालत ये है की Photo खिचवाने से पहले तुझे उसे post करने की जल्दी रहती है! कभी-कभी तो मुझे शक होता है की तू Photo भी अपने लिए खिचवाता है या Facebook Likes के लिए!

अबे क्या बोल रहा है Mobile और Helmet में कोई Comparison  हो ही नहीं सकता Mobile Mobile है और  Helmet,Helmet और अगर ऐसा कुछ है तो बता राज के Expression साफ बता रहे थे की उसको मेरा यु Mobile को Helmet से Compare करना अच्छा नहीं लगा !

यार देख,जब Mobile को Market में चलाना था तो company ने क्या किया उनके Rate  कम किये Customer  को Mobile के नए-नए फायदे बताये Market  होने पर Mobile अपने आप बिकने लगा वैसे ही अभी तू देख जब से Helmet भी Compulsory बनाने की मुहीम शुरू हुई है तब से शहर के हर फुटपाथ पर देख Helmet बिकने शुरू हो गए है!अगर Government  भी कुछ ना करे बस उसे सिर्फ1साल के लिए ही100 % सबके लिए (जो 2 Wheeler चला  रहा हो ) Compulsory कर दे तो अपने आप सबकी आदत पड जाएगी फिर आप नहीं भी कहोगे तो भी लोग बाजार से खरीदकर पहन ही लेंगे !

हाँ जैसे कंपनी अपने Rate कम करती है ताकि आपको शुरू में उसकी आदत लग जाये वैसे ही सरकार को भी पहले Fine जरूर 25-50 रुपए रखने होगे उससे फायदा ये होगा कि लोग 25-50 रुपए Fine होने से Policewalo को side में ले जाने से तो Fine भरना ही ठीक समझेगे तो Corruption कम होगा और हमारे नेताओ को भी कोई 25-50 रुपयो बचाने  के लिए परेशान नहीं करेगा और सोचेगा रोज-रोज लेट होने और 25-50 देने से तो अच्छा है की कही फुटपाथ से ही सही 300-500 का एक Helmet खरीद के पहन लेता हूँ जैसा का अपन दोनों ने कल सोचा और हेलमेट पहनने लगे !

इतना कहने के बाद में दुबारा लत लग गई गाना गुनगुनाने लगा और राज से बोला देख गाना एक दम सही है अगर किसी को एक बार लत लग जाये तो वो इतनी आसानी से नहीं छूटेगी इसलिए अगर Government सच में चाहती है तो सिर्फ एक बार लोगो को उसकी आदत डाल दे और जैसे Company हमेशा बताती रहती है की हमारे Product के बिना तो आपका जीवन अधूरा है और धीरे-धीरे Customer  भी ये ही  मानने लगता है वैसा ही अगर Government भी करने लगे तो आज नहीं तो कल ये हो ही जायेगा की सब लोग Helmet पहनने लग ही जायेगे और आपको उन्हें जबरन पहनाना  नहीं पड़ेगा बल्कि उन्हें पहनने से मना किया तो उन्हें Problem होगी !

जैसे आज FB ,What'app जैसी SNS site अगर अपनी Services बंद कर दे तो लोग आधे पागल हो जायेगे वो उनके लिए जरुरी नहीं है मगर अब उन्हें इसे Use करने की लत पड चुकी है और ये लत है एक बार अगर लग गई तो फिर आसानी से नहीं छूटती!

अब यही देखो ना मुझे Blog  लिखने की लत लग है और आपको उसे झेलने की और ये लत है भई आसानी से छूटेगी नहीं!


















Sunday 16 November 2014

"Icecream खिलाओ पैसे बचाओ"


                                                   


आज में आपसे सुबह-सुबह की नहीं बल्कि दोपहर में Icecream Parlor में हुए Discussion  की बात करुगा !
 ताकि आपको ये न लगे की मैं सुबह के बाद गायब कहा हो जाता हुँ ! 

तो कल दोपहर को मैं शॉपिंग मॉल में शॉपिंग कर रहा था की अचानक ही मेरे स्कूल का दोस्त राज मुझे वहा मिल गया एक दूसरे को इतने समय बाद एक दम अचानक देखकर पहले तो हम ऐसे चिल्लाये की सारा मॉल हमें ही देखने लगा और एक दो लोगो ने अपने हाथो में रखे बिस्कुट और मैगी के पैकेट भी गिरा दिए ! दरअसल हमारे चिल्लाने का Main Reason सिर्फ इतना था की हम 2 सालो बाद अचानक मिले थे! वैसे तो राज मेरे घर से मात्र 2 KM की दुरी पर ही  रहता है मगर आज की Life में 200 km की travelling आसान है 2 km की नहीं, इसलिए हमें 2 km travel करने में 2 साल लग गए !

फिर बातो ही बातो में राज ने बताया की Next month उसकी Band बजने वाली है (I Mean शादी होने वाली है)
मैने उसे Congratulate किया! मगर थोड़ी ही देर बात करने पर मुझे समझ आ गया की राज कुछ परेशान है! मुझसे रहा नहीं गया और मैने यु ही मजाक में कहा क्या हुआ बे शादी के पहले क्यों मुँह लटका रखा है ये तो शादी के बाद का Scene है !

अरे नहीं यार वो बात नहीं है दरअसल 3 साल हो गए यार जॉब करते करते मगर मेरे पास सेविंग के नाम पर मात्र बैंक में 20,000 रुपए है और10,000 सालाना की  Insurance Policy! यार कितना भी करू पैसे बचते ही नहीं और जो बचत करता हु वो कहा जाती है बाद में समझ नहीं आती ! जब अभी ही पैसे नहीं बच रहे तो आगे कैसे काम चलेगा यार समझ ही नहीं आता कैसे बचत करू और कितनी करू और इसतरह राज ने एक ही साँस में मुझे दुखी होने का कारण बता दिया !

मैने उसे बताया देख तू जिन्हे Investment  कह रहा है वो Actual में Investment की गिनती में नहीं आते!

 मतलब:मैं कुछ समझा नहीं :- राज ने कहा

 देख, दरअसल बचत 4 प्रकार की होती है! 4 % 10 %15 % और 20 % वाली बचत और हर एक  बचत के अपने अपने फायदे और नुकसान होते है!

हाँ कल मैने तेरा Blog " सब्जी भाजी में आग लगी है " पड़ा उसमे भी तूने इससे Related ही कुछ लिखा था ना

 मैने केवल हाँ में गर्दन हिला दी !

देख अभी अभी तु कह रहा था न की तूने 10,000 सालाना की प्रीमियम भरना Start किया है! जानता है 10,000 हर साल डालने पर 25 सालो बाद एक बचत तुझे 4,50,000 देगी जबकि एक बचत 60,00,000 देगी ! जबकि तू दोनों CASES में 2,50,000 (10,000*25) ही देगा- मैने कहा 


चल बे क्या फेकता है अगर ऐसा होता तो हर कोई 60,00,000 देने वाली बचत पर ही पैसा लगाता कोई पागल ही होगा जो इस 4 % वाली बचत पर अपना पैसा डूबने के लिए लगाएगा !

हाँ  तू सच बोल रहा है एक पागल तो मेरे सामने ही खड़ा है!

क्या मतलब और अगर ऐसा है तो बोल में अभी सारा पैसा 20 %वाली बचत पर लगा देता हुँ - राज तुरंत पैसा लगाने को राजी हो गया !

बस यही पर तो सब फ़िसल जाते है जहा बड़ा Return सुना नहीं की सारा पैसे लगाने दौड़ पड़ते है-मैने उसे बताया !

अब  मैं राज के लिए कोई Financial Consultant  तो था नहीं जो वो मुझे भाव देता तो वो खुद ही बोल पड़ा चल अब ज्यादा भाव खाने की जरुरत नहीं है सामने वाले  Icecream Parlor में जा और टेबल पकड़कर बैठ जा मैं आइसक्रीम लेकर आता हुँ एक आइसक्रीम खा और बोल क्या बोलना चाहता है !

मैने भी उसकी बात मानी और एक कोने की टेबल पकड़कर बैठ गया और राज औरआइसक्रीम का इंतज़ार करने लगा !  
                                                     



2 मिनट बाद राज आइसक्रीम लेकर आया और मुझे Icecream थमाते हुए बोला बेटा चल अब शुरू हो जा
मैने पहले Icecream खाना शुरू किया फिर उसे बताना की देख बचत 4 प्रकार की होती है और अब में तुझे एक एक कर सबके फायदे नुकसान बताता हुँ  ताकि तू Easily Decide कर सके की तेरे लिए कौन सी बचत सही है!
  • 4 % वाली बचत :  इस बचत को असल मायने में बचत कहना सही नहीं है क्योकि ये वो पैसा है जो या तो आपके जेब में Plastic Card के रूप में है! जो आप ATM  से जब चाहे तब निकाल लेंगे या इस बचत को अपने घर के किसी कोने में आपने सहेजा है !
  • फायदा :  अगर रातो रात जरुरत पद गयी तो काम आएगा यही पैसा अगर बच गया तो 
  • नुकसान : अगर आप केवल यही बचत करते रहेंगे तो बाजार की हर सेल पर टूट पड़ेंगे !
  • 10 % वाली बचत : ये वो बचत है जो ज्यादातर 50 साल या उससे अधिक उम्र के लोग करना पसंद करते है! जिसमे आपका पैसा 100 % Safe है! आपको आपका पैसा कभी भी मिल जाता है जब आपको चाहिए और आपका नुकसान भी बीच में पैसा निकालने पर केवल ब्याज का ही होगा "Bank FD " इसका सबसे Best Example है!
  • फायदा :  कम ब्याज से ही सही मगर आपका पैसा 100 % Safe है इतना Safe है की बैंक लुट जाने पर भी बैंक आपका पैसा देने से मना नहीं कर सकती और इसमें कोई Financial बुद्धि भी नहीं लगाना पड़ती बस बैंक जाओ एक फार्म भरो और Online ज़माने में 10 मिनट बाद बैंक FD आपके हाथ में जिसमे ये भी Mention रहेगा की एक साल बाद आपको कितना पैसा मिलने वाला है -- है न मजेदार 
  • नुकसान :  Normally देखा जाये तो इसमें कोई नुकसान नहीं है मगर कई लोग अपने फालतू खर्च बढ़ने पर तुरंत इसका इस्तेमाल करते है और दूसरा ये की एक लम्बे समय बाद भी ये आपको केवल महगाई जितना ही Return देगा !
  • 15 % वाली बचत : इस बचत में आपको अपनी थोड़ी बहुत Financial IQ use करनी पड़ती है और Calculative Risk भी होता है !
  •   फायदा :  जैसा मैने कहा इसमें केवल थोड़ा सा Financial IQ रखने पर Risk Calculated हो जाता है और    एक लम्बी अवधि तक यदि आप इससे रखते है Return भी बढ़िया रहता है !
  • नुकसान : वैसे तो इसमें भी कोई नुकसान नहीं है अगर आप अपना Financial IQ इस्तेमाल करो तो हाँ ये जरूर है की इसमें निवेश कम से कम 2-3 सालो के लिए Block मानना चाहिए और यही मानकर निवेश करना चाहिए की जल्दी निकालने पर आपका नुकसान बढ़ेगा! (Mutual Funds इसका सबसे Best Example है! )
  • 20  % वाली बचत :इस बचत को आप तब तक न करे जब तक आप काफी किताबे निवेश पर न पढ़ चुके हो या Mentally  कमाने के साथ खोने के लिए भी तैयार हो क्योकि इसमें बिना सोचे समझे लगाया गया पैसा आपका डूबेगा ही ! इस बचत का  निवेश 5-10 सालो से लेकर 10-25 सालो के लिए हो सकता है ! Return काफी ज्यादा है मगर इसमें आपको हमेशा अपने ऑख और कान खुले रखने की जरुरत है ! यदि आप पैसे से सच में प्यार नहीं करते और उसे खोने से डरते है तो मेरी सलाह है आप इस निवेश में न उतरे ! ( Investor's share, property are the best example for these type of investment )
अब ये मत कहना की हमने भी रहने के लिए अपना घर ख़रीदा है क्योकि रहने के लिए घर खरीदने और Invest  करने के लिए घर खरीदने में जमीन आसमान का अंतर है जो अपन बाद में कभी discuss करेंगे !
  • फायदा :  इस बचत से मिलने वाला Return बाकि बचतों से मिलने वाले Return  के मुकाबले काफी ज्यादा है और ये यक़ीनन एक लम्बी अवधि (लगभग 25-30 साल) के बाद आपकी हो रही उस वक़्त की Income से कही ज्यादा होगी!
  • नुकसान : इसका सबसे बड़ा नुकसान ये है की इसमें आपको हमेशा ध्यान रखना पड़ता है,पता करना होता है, कहा निवेश करना है और 10 सालो बाद क्या होगा ऐसे Future Prediction करने की जेहमत उठानी पड़ती है और अगर आपने इसतरह के निवेश करने के बाद उन लोगो की बात मानी जो इस तरह के निवेश नहीं करते तो आप निश्चित ही अपना पैसा खो बैठोगे!

 आखिर इतना ज्ञान झाड़ने के बाद मैं खामोश होकर बैठ गया तो राज बोला अरे ये तो सब ठीक है तू तो मुझे ये बता की एक सही Investment क्या होना चाहिए !

चल इसे एक Example से समझ : मैने Icecream Cup में कोने में दबी बची हुई Icecream खाते-खाते उसे बताया

 अगर किसी ने 100 रुपए कमाए:

     Type
   Amount
                                       Reason
Daily Expenses
60
 अपने Daily Expenses में लगा क्योकि भूखे मरकर पैसा बचाना भी बेकार है अच्छा खाओ !
4%
10
 ऐसा पैसा जो आपके घर परिवार की मुसीबत में तुरंत काम आए जैसे Accident, अचानक आई विपदा !
हाँ तेरा लिया Insurance, Mediclaim भी इसी Category में आते है  
10%
10
 ऐसा पैसा जिसकी जरुरत आपको पता है की इसकी जरुरत आपको एक या दो साल बाद पढने ही वाली है !
15%
10
 आपकी थोड़ी लम्बी Planning जिसमे आपके Long Term Plan शामिल हो !
20%
10
 आपके और आपके Future के Financial Freedom के लिए !



अच्छा सुन ,  ये भी लोगो के हिसाब से थोड़ा बहुत बदलता रहता है और हाँ जैसे तू अभी थोड़ी देर पहले मेरे एक  बारबार  बोलने पर सारा पैसा 20 % बचत पर लगाने को राजी हो गया! इसलिए में दोबारा कहना चाहुगा की 20 % वाली बचत केवल देखने में ही अच्छी है !मगर उसमे निवेश तब तक मत करना जब तक तू निवेश को समझने न लग जाये क्योकि इसमें पैसा खोने का डर भी होता है अगर तूने बिना सोचे समझे निवेश किया तो जो बाकी तीनो में नहीं होता या न के बराबर होता है !

इसलिए मेरी तुझे यही सलाह है की तू 4% वाली बचत को बचत मत मान ! 10% और15 % वाली बचत से बढ़ते हुए 20% वाली बचत पर पहुंच और ये तब करना जब तू Mentally पैसा कमाने  के लिए थोड़ा अधिक वक़्त रुकने और Investment  को समझने  के लिए तैयार हो !

चारो बचत मात्र 1000 रुपए से भी शुरू कर मगर पहले ये तय कर की तेरी सोच कौन सी है अगर 100 % Safe  खेलना है तो 10% ही बेहतर है!  हाँ अगर थोड़ा खेल का मजा लेना हो तो 15% वाली बचत पर जा और आगे वाली बचत के बारे में तो तू जानता ही है !

Remember,

Investment is a Game अगर Game में मजा आता हो तो ही खेलना वरना 10-12 % वाली बचत पता करो और आराम से रहो !  

और  : मेरे दोबारा खामोश होते ही राज ने कहा 

अबे अब और क्या मेरा भाषण और Icecream Finally दोनों खत्म हो गए है!

 तो अब तू चल और सुन' यहाँ Icecream Parlor से बचत चालू मत कर, जा और जाकर पहले  Bill  Pay करके आ और राज कुछ मुँह बनाता हुआ, हँसता हुआ Bill Counter की और हो लिया !














Thursday 13 November 2014

सब्जी भाजी में आग लगी है



आज सुबह- सुबह मैं अपने पापा ले साथ Morning Walk  कर रहा था और हम यही discuss कर रहे थे की पुराने ज़माने में जिन चीजो में निवेश होता था वो आज भी कितनी काम की है और आगे आने वाले सालो में भी उनकी value बढ़ेगी ही ,घटेगी नहीं !

जैसे पहले के लोग जमीन खरीदते थे और पापा ने बताया की पहले के लोग अपने सोने  को जमीन में गाढ़कर  रखते थे ! जब हम बाते कर रहे थे तो मुझे एहसास हुआ की पहले लोग कोई MBA वगैरह नहीं करते थे फिर भी उनमे निवेश की कितनी समझ थी ! वो अपना निवेश इतनी बेहतरीन जगह करते थे की मंहगाई के घोड़े उन्हें छु भी नहीं पाते!  इसीलिए मंहगाई उन पर इतना असर नहीं करती जितना अब करती है! क्योकि उनके निवेश जहा उन्हें कम से कम 15-20% Return देते वही Inflation Rate तब भी Average 6-8% से  ज्यादा नहीं बढ़ता था और बातो ही बातो में ये Logic समझ आया की लोग अमीर,गरीब और मध्यमवर्गीय क्यों होते जा रहे है ?  दरअसल उनकी कमाई ही कम ज्यादा नहीं बल्कि उनके निवेश में भी जमीन आसमान का अंतर है ! जिन्होंने उन्हें अमीर और गरीब बनाया है !


सही भी है न यार, जब एक साल बाद जो पेट्रोल आप आज 100 रुपए में खरीदते हो उसी का दाम110 रुपए हो जायेगा! यानि उसमे 10% की वृदि होगी और तब भी आपके 100 रुपए आपको केवल 105 रुपए ही दिलाएगें तो वो Indirectly आपको अमीर बनने में नहीं बल्कि गरीब बनाने में अपना महत्वपुर्ण योगदान निभाएंगे !

 और तभी मुझे Investor's  का बनाया "THE RULE OF 72 REWRITTEN" सही लगने लगा !

जिसके अनुसार अगर आपके पास 1000 रुपए है और आप जानना चाहते है की वो 2000 कब बनेगे तो अपनी ROI (RATE OF INTEREST) को 72 से Divide कर दो !

Means IF,
  •    ROI is 4% :>   18  Years
  •    ROI is 10% :>  7.2 Years
  •    ROI is 15% :>  4.8  Years
  •    ROI is 20% :>  3.6  Years
अब समझ आया 1000 को 2000 बनाने में 18 साल भी लग सकते है और 3.6 Year भी और अगर मंहगाई ही  6-8% से बढ़ती रही और आपके सारे Return 4 % से तो आज नहीं तो कल आपका गरीब होना तय है!  

 
अब एक बच्चो वाली बात :----  

 आज से तक़रीबन 8 साल पहले Year 2006 में जब मैं खिचड़ी लाता था तो वो 7 रु/प्लेट थी जब की 2014 में वही खिचड़ी  20 रु/प्लेट हो गई ! अगर सभी चीजो में दाम इसी तरह बढ़े और आपका निवेश Insurance और बैंक खातों के Return की  तरह 4 % बढ़ा तो  मंहगाई आपको छुएगी ही !यहाँ बात 7 रु या 20 रु की खिचड़ी की  सोचकर Avoid मत करो क्योकि यहाँ Inflation 300% बढ़ा है वो भी केवल 8 सालो में !


मंहगाई ऐसे ही बढ़ती है और इसलिए हम कहते है की सब्जी भाजी में आग लगी हुई है! दरअसल ऐसा  इसलिए है क्योकि हम निवेश के प्रति जिम्मेदार नहीं है !





Wednesday 5 November 2014

"बाप गलत या बेटा "


आज सुबह सुबह अख़बार में एक कहानी पढ़ी की एक पिता ने बहुत मेहनत करके अपना पेट काटकर अपने बच्चे को पढ़ाया लिखाया! उसकी खातिर अपना घर बार छोड़ा और आज उसी बच्चे ने उन्हें शहर में अकेले    किसी नौकर के भरोसे छोड़ विदेश में अपना घर बसा लिया! कहानी के अंत में लिखा था की पिता रोते हुए कहता है"जिसके लिए हमने संसार को छोड़ा आज वो ही बेटा हमे छोड़ गया! उसने ये तक नहीं सोचा की अब हम किसके भरोसे जिएंगे!
कहानी पढ़कर मुझे 2 महीने पहले अपने दोस्त राज के घर का वो Drama याद आ गया! जहाँ मैं एक मूकदर्शक बनकर खड़ा केवल ये विचार कर रहा था की आखिर गलत कौन है! मुझे याद आया की 2 महीने पहले ही तो राज के घर में भी यही तमाशा हुआ था और कुमार अंकल ( राज के पापा ) निराश होकर सोफे पर बैठे हुए थे!
 राज मेरे बचपन का दोस्त है और इसलिए मैं राज के घर के सभी लोगो को जानता हुँ! वैसे भी Nuclear Family  के ज़माने में घर में लोग होते ही कितने है! पति-पत्नी और बच्चे ( वो भी दो नहीं एक क्योकि आजकल का नया नारा है बच्चा  एक ही अच्छा या बच्ची एक ही अच्छी ) तो उन कुल मिलकर 3 लोगो के परिवार को मैं बड़े अच्छे से जानता था! कुमार अंकल एक बैंक में मैनेजर थे! आस पास भी उनका बड़ा रुबाब था! वही आंटी हाउसवाइफ तो थी मगर साथ ही कॉलोनी की कुकिंग एक्सपर्ट भी थी! पुरे एरिया में उनके जैसी कुकिंग कोई नहीं कर पाता और राज तो था ही शुरू से मास्टरमाइंड तो इस तरह पूरी फैमिली की कॉलोनी में एक अलग ही इमेज बनी हुई थी !

हाँ साल में 2-3 बार जरूर राज के घर में और भी लोग दिखाई देते! हां साल में 2-3 बार जरूर  राज के घर खूब धूम धड़ाका रहता या किसी साल,साल में 2 -3 बार शांति रहती! धूम धड़ाका तब होता जब गाँव से उनके घर कोई मिलने आता और शांति तब जब वो अपनी कार से गाँव रवाना हो जाते ! पूरी कॉलोनी को यही लगता की यही एक जोशीला परिवार कॉलोनी में रहता है !
लेकिन आज जब मैं राज के घर गया तो ऐसा लगा मानो सभी का जोश ठंडा हो गया है और सभी अभी-अभी लड़-झगड़कर Free हुए है! मुझे बड़ा आशचर्य हुआ क्योंकी राज तो कल ही 1 साल बाद घर वापस आया और उसके आने के बाद घर का ये माहौल वाकई आश्चर्यचकित करने वाला था ! राज तो वैसे भी पिछले 5 सालो से Mumbai में किसी MNC company में जॉब कर रहा था! और जिसके चलते वो साल में 6 महीने India में तो 6 महीने Foreign में रहता और इसलिए अब तो हमारे ग्रुप ने भी उसका नया नाम "आधा हिंदुस्तानी" रख दिया था!

राज के घर का माहोल बता रहा था की अभी-अभी लम्बी बहस खत्म हुई है और ये तूफान के बाद वाली शांति है! वैसे तो वो राज के घर का मैटर था मगर फिर भी मुझसे रहा नहीं गया और में Unty और uncle  को रोता छोड़ राज को लेकर उसकी छत पर आ आया और अंकल के इस तरह रोने का reason पूछने लगा ! पहले तो 10 Minute तक राज मूर्ति बनकर खड़ा रहा! फिर मैंने ही बाग़बान की स्टोरी चालू कर दी !
देख यार कुमार Uncle retired हो गए है ,अकेलापन महसूस करते होगे! वैसे भी तेरे बिना उनका है ही कौन ? बुढ़ापे में उनका धयान कौन रखेगा यही बाते उन्हें सताती होगी और फिर भी बहुत सी नसीहत मैंने राज को बिन मागे दे डाली !

पहले तो वो चुपचाप सुनता रहा मगर जैसे ही मैंने आखिर में उसे वापस आने को कहा या दूसरे Option  के रूप में Uncle-Unty को साथ ले जाने को कहा तो भड़क गया! कहने लगा  देख यार " मैंने पापा से कहा आप आराम  से यहाँ रहो! मैं आता जाता रहुगा! आप कहेंगे तो पैसे भी भेज दुगा! वैसे तो पापा की पेंशन भी बहुत है! तब भी अगर कहेंगे तो मुझे पैसे भेजने में भी कोई प्रॉब्लम नहीं है! तू मानेगा नहीं मैने तो मम्मी के रोने पर यहाँ तक कहा की आप चलो मगर आप दोनों वहाँ बिलकुल भी रोक-टोक नहीं करोगे तो में वही अपने फ्लैट के पास आपके लिए भी कोई फ्लैट और नौकर का इंतज़ाम कर दुगा और10-15 दिनों में आता जाता रहुगा !
राज इतने ग़ुस्से में बोले जा रहा था की एक पल को तो में डर ही गया! फिर भी मैंने थोड़ी हिम्मत करके कहा "मगर राज, ये तो गलत है ना तू ही सोच, जो तू बोल रहा है क्या ये ठीक है ? मैने इतना कहा की वो दोबारा भड़क गया  ही चुप करते हुए बोला  "अरे तू चुप कर यार, तुझे नहीं पता ऐसा ही होता है,तू ही न जाने कौन सी दुनिया में जी रहा है! देख में जब छोटा था तो पापा की जॉब लगी!पापा गाँव से शहर आये उनके हिसाब से गाँव में रहने वाले मेरे दादा-दादी Old फैशन और पुराने ख्याल के थे! पापा के हिसाब से गाँव में कोई Scope नहीं था! इसलिए वो हमारी खातिर शहर आ गए मैंने भी मेरे दादा-दादी को कभी हमारे साथ रहते नहीं देखा! बस साल में दो तीन बार या तो हम चले जाते या वो आ जाते तो मजा आता! मगर अगर वो मेहमान की तरह चार दिन में न जाये तो मुझे क्या पापा तक को भी Problem हो जाती! गाँव जाते तब भी पापा मुझे बताते की हम Modern हो गए है! ये सब गाँव के देहाती है! तो मुझे तो बचपन से यही समझ आया की कामयाबी या बड़े जॉब या बिज़नेस के लिए बड़ी जगह आना चाहिए! साथ साथ पुराने रिश्ते तोड़कर नए रिश्ते बनाना चाहिए! ये मैने मेरे पापा से ही सीखा और जब उस वक़्त थोड़े Modern होने पर पापा  ही अपने पापा को नहीं झेलते और अपने साथ नहीं रखते तो आज Ultra Modern  होने पर आज मैं पापा के साथ नहीं रहना चाहता तो कौन सा पाप कर रहा हु! वैसे भी तो पापा हमेशा कहते रहते है! हमने अपना सारा जीवन तुम्हारी खुशियो पर ही कुर्बान किया है तो आज क्यों वो मुझे मेरी ख़ुशी के लिए अपने से दूर नहीं रहने देते ! मगर नहीं, जब से वापस आया हुँ!  बस पीछे पड़े हुए है वापस आ जा अब में रिटायर हो गया हु! मैं तो उनकी बाते सुन-सुनकर परेशान हो गया! मैंने तो साफ़ कह दिया मैं  नहीं आऊगा! Priya भी आना नहीं चाहती ! मैंने पापा से कहा भी की आप बोलो तो मैं हर महीने कुछ पैसे भिजवा दू ,नौकर Appoint  कर लो मैं उसका पेमेंट कर दुगा!  इतना कहा की पापा भड़क गए !




अरे इतना तो कर रहा हु आप ने तो कभी इतना भी नहीं किया होगा अपने पापा  के लिए बस इतना कहा की पापा को मिर्ची लग गयी! चिला-चिल्लाकर कर बोलने लगे! जा यहाँ से मुझे तेरी जरुरत नहीं!
 फिर तू आया तब सोफे में मुँह डालकर रोने लगे और मम्मी ने तो जैसे रोने में वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किया है ! चार दिन के लिए आया था! यार सारा मूड Upset करके रख दिया अब दो दिन में ही जा रहा हुँ !

मुझे अब कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या बोलू और इससे पहले में कुछ सोच समझ पाता राज ही दोबारा बोल पड़ा !
चल तू ये सब छोड़ ये बता आज रात का तेरा क्या प्रोग्राम है ! विजय और विनोद को मैंने पार्टी के लिए बुलाया है! चल मिलकर पार्टी करते है ! वैसे भी कल Morning में मेरी Flight है !

पहले तो उसकी पार्टी की बात को सुनकर मैं अवाक् रह गया! फिर थोड़ी देर बाद मुझे वो भी थोड़ा सही लगने लगा ! जब उसके पापा  अपने Career के लिए अपने माँ-बाप को छोड़ सकते है! तो वो छोड़ रहा है तो उन्हें क्यों प्रॉब्लम हो रही है! उन्हें प्रॉब्लम की जड़ को आज नहीं 30 साल पहले पकड़ना था !

 हालांकि मैं आखिर तक decide नहीं कर पाया की आखिर राज और उसके पापा में गलत कौन है! हाँ मुझे इतना जरूर समझ आ गया की ये आज कल वापस आने वाला है राज के बेटे के रूप में मगर मैने अब उससे कुछ नहीं कहा और हम रात को पार्टी करने चलते है बोलकर वहा से चला गया!!
                                                                   

                                            

Saturday 18 October 2014

New Born Baby Shut Down



सुबह सुबह की सैर बड़ी अच्छी और स्वास्थ के लिए काफी लाभदायक होती है! यही सोचकर एक दिन में भी सुबह सुबह जल्दी उठ गया और सैर करने निकल पड़ा ! रास्ते  में मुझे मेरा दोस्त राज मिला!  राज बहुत ही खुशमिजाज और मस्त मौला बंदा है ! Last Year ही उसका Post  graduation complete  हुआ और अभी 6  महीने पहले ही उसने अपने दोस्त राहुल के साथ मिलकर कपड़ो का एक बड़ा सा शोरूम डाला था और अपने सभी दोस्तों को पार्टी  भी दी थी! जिसमे मैं भी शामिल था और राहुल से भी मैं पहली बार वही मिला था !
राहुल भी राज ही की ही तरह एक दम मस्त है! पार्टी में दोनों ही अपने नए बिज़नेस को लेकर काफी Excited थे! आखिर अपना बिज़नेस ये विचार ही हर एक को रोमांचित कर देता है !

लेकिन आज राज  का चेहरा लटक रहा था इसलिए मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उससे उसकी उदासी का कारण पूछा !

अरे कुछ नहीं यार बस बिज़नेस को लेकर Tension है अभी 6 महीने ही हुए है बिज़नेस को और ऐसा लग रहा है कि बंद करना पड़ेगा बहुत मेहनत  की यार मगर अब लगता है शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर है !इसलिए सोच रहा हुँ नुकसान उठाकर ही सही पर ये बिज़नेस बंद कर दु और कोई नया बिज़नेस डालू ! इस तरह राज ने एक ही साँस में मुझे अपने दुखी होने कारण बता दिया !

अरे मगर ऐसा क्या हुआ इन 6 महीनो में,जो तू  Business बंद करना चाहता है थोड़ा detail  में बता
हो सकता है मेरे पास कोई solution हो !

क्या बताऊ यार और ये बोलकर राज मुझे लगभग रोते हुए सब कुछ बताने लगा " यार तू तो जनता है राहुल और में कितने अच्छे दोस्त है! हम दोनों के ही मन में शुरू से था की अपना बिज़नेस करेंगे किसी की गुलामी नहीं करेंगे इसलिए post Graduation ख़त्म होने के तुरंत बाद हम दोनों ने एक बजट बनाया, कौन-सा बिज़नेस करना है वो decide  किया, Location  find out की और सामान खरीदकर अपना Business  start  कर दिया -

और क्या किया?  - मैने  आगे पुछा

और क्या बस फिर हम Business करने लगे मगर ज्यादातर पैसा तो हमारा शुरुआत  में ही ख़त्म हो गया ! बाकि इन 4 -5 महीनो में इसलिए अब हमारे पास Business बंद करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा !

Ohh.........  समझा, मैने  गहरी लम्बी साँस लेते हुए कहा

क्या, क्या समझा ? - राज ने जोर देते हुए पूछा

अरे दरसअल तुने जो मुझे बताया ज्यादातर New Born Baby Business इसी तर्ज पर शुरू होते हैऔर कुछ महीनो या सालो में बंद भी हो जाते है क्योकि वो बिज़नेस की असली प्लानिंग करना भूल जाते है  !




कैसी planning  : राज ने कहा

देख, तुम दोनों ने ये तो decide कर लिया की तुम दोनों आधा आधा पैसा लगाओगे और मुनाफे में भी बराबर का पैसा लोगे!

मगर इसके अलावा भी तुम दोनों को कुछ बातो का ख्याल  रखना था !

जैसे :

  • पहले तुम्हे अपने बिज़नेस की पूरी जानकारी निकालनी थी बेहतर होता की तुम एक छोटा सा Market Survey कर लेते जिससे Business में आने वाली परेशानी तुम्हे पहले से ही पता रहती और समय रहते तुम उनके उपाय भी  कर लेते !

  • काम को छोटे-छोटे भागो में बाँट लेते उसकी deadline final करते और तय सीमा में अपना काम पूरा करते !
  • एक बार काम को बाँट लेने के बाद अपने काम से काम रखते और दुसरो के काम में ज्यादा नुस्ख निकलने की कोशिश नहीं करते! आखिर तुम बिज़नेस करने बैठे थे एक दूसरे की बुराई करने नहीं ! 

  • अपने बजट को शुरू से इस तरह मैनेज करते की तुम्हारे पास कम से कम बिज़नेस शुरू करने के बाद भी 6-8  Month  की operating cost मौजूद होती ताकि पैसा न होने ही वजह से तुम्हे अपना Business  बंद करने की नौबत न आती !

  •  ये भी Calculate करते की आने वाले समय में और कौन-कौन से खर्च आयेगे और तुम्हारे Business को बाजार से रुपया कब और कितना कितना करके मिलेगा !
अरे मगर शुरू में इतनी माथा-पच्ची में पड़ते तो Business का Idea तो Mind में ही drop करना पड़ता -राज ने तर्क देते हुए कहा 

हाँ तूने सही कहा अगर तुम शरुआत में ही अपनी 6 month की operating Cost, अपने आने वाले खर्च, अपने दायित्व और सारे plan decide  करने बैठते तो तुम्हे तुम्हारा काम अपने बजट से बाहर का लगता और इस तरह तुम अपने Business के सपने से दूर हो जाते या शुरुआत से ही तुम्हे अपना हाथ तंग रखना पड़ता और तुम्हे मेहनत भी दुगनी करना पड़ती! और ऐसा नहीं करने की सूरत में अपने Business के विचार को तुम्हे अपने Mind  में ही drop करना पड़ता और इस तरह तुम्हारा मालिक बनकर बैठने और अपना काम करने का सपना भी ओझल हो जाता जो तुम दोनों ही नहीं चाहते थे !      

हाँ बिलकुल सही इसलिए तो हम इस माथा-पच्ची में पड़े ही नहीं -राज ने कहा
   
मगर राज सच तो ये है की इन दोनों ही सूरतो में तुम सच्चाई के एक दम करीब होते क्योकि ये सब सोचकर अगर तुम अपना Business  शुरू करते तो तुम्हे इसे आगे बंद करने की जरुरत ही नहीं पड़ती और अगर ये सोचकर तुम अपने बिज़नेस के Idea को Mind में ही drop कर देते ! तब भी तुम अपना समय और रुपये बचा लेते और दोनों ही सूरतो में तुम्हारी condition भी आज से बेहतर होती!

मैं,राज से और भी कुछ बोलना चाहता था मगर मेरी बात पूरी होने से पहले ही राज बीच में ही बोल पड़ा " अरे चल छोड़ यार ,अब क्या हो सकता है ! अब में सोच रहा हुँ एक दो महीनो में Online Marketing  का बिज़नेस शुरू कर दू! सुना है उसमे बहुत कमाई है !

अब में भी राज को और कुछ कहना तो नहीं चाहता था! मगर एक तो राज मेरा बहुत अच्छा दोस्त है और ऊपर से मैने उसका नमक ( पार्टी में ) भी खाया था ! इसलिए मैने जाते जाते राज से कहा -"देख हो सके तो अपने Business  का एक बार Market  Survey  पूरी ईमानदारी से कर ले" उसके बाद कोई नया काम शुरू करना !

Market Survey  का नाम सुनते ही राज तुरंत बोल उठा "अरे नहीं यार उसमे तो जबरन ही 2-5 हज़ार रुपए और कुछ महीने ऐसे ही बर्बाद हो जायेगे !

अब मैं उसे कहना तो चाहता था की 5,00,000 Business में बिगाड़ने और एक साल बाद उसे भी बंद करने से तो अच्छा है की 5,000 लगाकर ईमानदारी से अपने Business का Market Survey कर ले! ताकि तुझे अगला Business  भी बंद न करना पड़े ! मगर राज के Expression मेरी बातो को सुनकर जो बन रहे थे उन्हें देख मैने आगे कुछ कहना मुनासिब नहीं समझा!      

आखिर मैं मुझे ही समझ आ गया की मेरी रामायण गाने का इस पर कोई असर होने वाला नहीं है! इसलिए मैं  उसे Bye बोलकर वहाँ से निकल गया  !






Saturday 11 October 2014

“घर की मुर्गी दाल बराबर”



Hello Friends,

आज सुबह-सुबह न्यूज़पेपर में पढ़ा की Share Market गिरने वाला है और समझदारो ने निवेशकों को Market से दूर रहने की और सोने-चाँदी में निवेश करने की सलाह दी है! पढकर मुझे हँसी गयी!
मेरे दोस्त राज ने जब मेरे हँसने का कारण पूछा और मैने उसे वो Article बताया तो पहले तो उसे लगा की मै पागल हो गया हुँ इसलिए हर बात पर हँसता रहता हुँ! क्योकि उसके हिसाब से उस में हँसने जैसी तो कोई बात नहीं थी! फिर शायद उससे रहा नहीं गया होगा इसलिए उसने मुझसे पूछा की इस Article में हँसने जैसा क्या है? जब मैने उसे Explain करना चाहा की Investor अपना पैसे इसी वक़्त लगायेगे ताकि मात्र 1-2 सालो में उन्हें 20-25% का रिटेन मिल जाये तो मेरी बाते सुनकर राज हँसने लगा! कहने लगा अबे क्या फेकता है मै जानता था राज मेरी बात नहीं मानेगा!
वैसे भी कहते है न घर की मुर्गी दाल बराबर तो वो कैसे मान लेता की में सही बोल रहा हुँ!
खैर मैने बात को टालना चाहा और दूसरी बाते करने लगा मगर राज तो अड़ ही गया की में  उसे अपनी कही बात Prove करके बताऊ! मैने सोचा कैसे इसे 10 Minute में Investor और Traders  के अंतर के बारे में समझाऊ!
फिर सोचा नहीं बताया तो ये मेरी जान नहीं छोड़ेगा और मेरे बताने पर मेरी कही बात नहीं मानेगा! क्योकी में उसके लिए घर की मुर्गी हुँ ! वो मेरी बात नहीं समझेगा ये मानकर मैने उसे Google  महाराज की मदद से एक महान Investor के विचारो के बारे में बताया ताकि वो जान ले और मान भी ले !

तो आइये आप भी जानिए मैने  कैसे उस  Idiot को Google महाराज की मदद से समझाया !

                                                        

                                                     
                                    
Quote No.
वॉरेन एडवर्ड बफे के अनमोल विचार
1.
Never depend on single income. Make investment to create a second source.
एकल आय पर निर्भर कभी नहीं रहना चाहिये.दूसरा स्रोत बनाने के लिए निवेश करें.
2.
If you buy things you do not need, soon you will have to sell things you need.
यदि आप उन चीजों को खरीदते हैंजिनकी आपको जरूरत नहीं है तो शीघ्र ही आपको उन चीजों को बेचना पड़ेगा जिनकी आपको जरूरत है.
3.
It takes 20 years to build a reputation and five minutes to ruin it. If you think about that, you'll do things differently.
प्रतिष्ठा का निर्माण करने के लिए 20 साल लग जाते हैं और इसे बर्बाद करने में पांच मिनटअगरआप इस बारे में सोचते हैंआप अलग तरह से काम करेंगे.
4.
Do not save what is left after spending, but spend what is left after saving.
खर्च करने के बाद जो बचता है उसे बचावें,लेकिन बचत करने के बाद बच जाता है उसे खर्च करें.
5.
I always knew I was going to be rich. I don’t think I ever doubted it for a minute.
मैं हमेशा जनता था कि मैं अमीर होने जा रहा थामुझे कभी एक मिनट के लिए भी इस बात पर शक नहीं हुआ.
6.
Always invest for the long term.
 हमेशा लम्बी अवधि के लिए निवेश करें.
7.
Do not put all your eggs in one basket.
एक टोकरी में अपने सभी अंडे मत डालो.
8.
We simply attempt to be fearful when others are greedy and to be greedy only when others are fearful.
जब दूसरे लालची हो जाते हैं तो हम भयभीतरहते हैंऔर दूसरे भयभीत रहते हैं तब हम लालची बन जाते हैं.
9.
Someone’s sitting in the shade today because someone planted a tree a long time ago.
कोई आज पेड़ की छाया में बैठा है तो इस वजह से कि किसी ने बहुत समय पहले ये पेड़ लगाया होगा.
10.
Only when the tide goes out do you discover who's been swimming naked.
केवल ज्वार-भाटा चले जाने के बाद ही पता चलता है कि कौन लोग नंगे तैर रहे थे.
11.
Never test the depth of river with both the feet.
दोनों पैरों से एक साथ नदी की गहराई का परीक्षण कभी नहीं करें.
12.
Honesty is very expensive gift. Do not expect it from cheap people.
ईमानदारी बहुत महंगा उपहार हैइसकी घटिया लोगों से उम्मीद मत करो.
13.
It’s far better to buy a wonderful company at a fair price than a fair company at a wonderful price.
एक शानदार कम्पनी को उचित कीमत पर खरीदना एक उचित कम्पनी को शानदार कीमत पर खरीदने से ज्यादा अच्छा है.
14.
Our favorite holding period is forever.
हमेशा के लिए - हमारी पसंदीदा होल्डिंग अवधि है.
15.
Rule No.1: Never lose money. Rule No.2: Never forget rule No.1.
नियम नम्बर 1: कभी पैसा मत गंवाइयेनियम नम्बर 2: कभी नियम नम्बर 1 मत भूलिए.
16.
The investor of today does not profit from yesterday’s growth.
आज का निवेशक गये हुए कल की बढ़त से फायदा नहीं कमाता.
17.
Risk comes from not knowing what you’re doing.
 रिस्क तब होता है जब आपको पता ही नही होता है कि आप क्या कर रहे हैं.
18.
Derivatives are financial weapons of mass destruction.
डेरीवेटिव्स सामूहिक विनाश के वित्तीय हथियार हैं.
19.
A hyperactive stock market is the pickpocket of enterprise.
एक अति सक्रिय शेयर बाजार उद्यम के लिये जेबकतरा है.
20.
Price is what you pay. Value is what you get.
कीमत वो है जो आप भुगतान करतें हैंमूल्य वो है जो आप प्राप्त करतें हैं.
21.
I don’t look to jump over 7-foot bars: I look around for 1-foot bars that I can step over.
मैं 7-फुट सलाखों के ऊपर से नहीं कूदता : मैं 1-फुट के आस-पास की सलाखों को देखता हूँ जिसे मैं पार कर सकूँ.
22.
I am a better investor because I am a businessman and a better businessman because I am an investor.
मैं एक बेहतर निवेशक हूँ क्योंकि मैं एक व्यापारी हूँ और एक बेहतर व्यापारी हूँ क्योंकि मैं एक निवेशक हूँ.
23.
We like to buy businesses, but we don’t like to sell them.
 हम कारोबारों को खरीदना चाहते हैंलेकिन हम उन्हें बेचना नहीं चाहते हैं.
24.
It’s better to hang out with people better than you. Pick out associates whose behavior is better than yours and you’ll drift in that direction.
अपने से बेहतर लोगों की संगत करना अच्छा होता हैऐसे सहयोगी बनाएं जिनका व्यवहार आपसे अच्छा होऔर आप उस दिशा में बढ़ जायेंगे.
25.
Time is the friend of the wonderful company, the enemy of the mediocre.
समय शानदार कम्पनियों का मित्र और औसत दर्जे की कंपनियों का दुश्मन होता है.

वॉरेन  बफे के अनमोल विचार बताने के बाद भी मुझे यकीन तो था की उसे सब कुछ तो समझ नहीं आया होगा! मगर आखिर में उसने जो कहा उसे एक बात तय थी की उसे सब कुछ सही पर कुछ तो समझ ही गया है !
राज के अनमोल विचार: 

यार घर की मुर्गी हमेशा दाल बराबर नहीं कभी- कभी खीर बराबर भी होती है उसके इस अनमोल विचार पर हम दोनों को एक साथ हँसी गयी और मुहॅ में पानी भी गया !