Sunday 15 March 2015

"नहाने का साबुन"

आज में आपसे सुबह-सुबह की नहीं बल्कि दोपहर में राज और मेरे बीच हुए एक Normal Discussion की  बात करुगा ताकि आपको ये न लगने लगे कि मैं आखिर सुबह के बाद गायब कहाँ हो जाता हुँ!

तो दोपहर को जब मैं सोफे पर लेटे-लेटे बड़े आराम से India Vs Zimbabwe का मैच देख रहा था! तभी मम्मी ने आकर मेरे हाथो में राशन की एक लंबी-चौड़ी लिस्ट थमा दी और मुझे तभी के तभी सामान लाने का हुकुम दे डाला! मैं जाना तो नहीं चाहता था मगर क्या करता मजबूरन मुझे मैच छोड़कर बेमन से Shopping Mall के लिए जाना ही पड़ा!

घर से निकलते ही कुह दूर चलते ही मुझे मेरे दोस्त राज का ख्याल आया! जो अभी-दो-चार दिन पहले ही गाँव  से शहर आया था! मैने झट से गाड़ी राज के रूम की तरफ ये सोचकर घूमा दी कि क्यों न राज को भी अपने साथ ले लू एक से दो रहेगे तो थोड़ा Time Pass हो जायेगा! वैसे में ये जानता था की ये बोरिंग सिर्फ मेरे लिए ही है क्योकि राज तो अभी-अभी ही गाँव से शहर आया है तो उसके लिए तो Mall में घूमना,उसे निहारना,वहाँ से कुछ भी Shopping करना अपने आप में एक अलग ही Experience होगा! एक ऐसा Experience जो राज भी न जाने कब से करना चाहता होगा मेरा अंदाजा सही निकला इसीलिए तो राज मेरे एक बार कहने पर ही Shopping पर चलने के लिए झट से राजी हो गया और 2 ही मिनट में हम उसके रूम से मॉल के लिए निकल पड़े!

जब हम Mall में पहुंचे तो राज Mall को ऐसे निहारने लगा मानो ताजमहल देख रहा हो साथ ही साथ आँखे फाड़-फाड़कर Product की Cost देखने लगा जबकि मैं लिस्ट के हिसाब से जल्दी-जल्दी सामान खरीदने में बिजी हो गया ! (क्योकि मेरे लिए ये एक ऐसा पकाऊ और थकाऊ काम है जिसे न चाहते हुए भी हर महीने मुझे ही करना पड़ता है)

अभी मैने ट्रॉली में नहाने का साबुन डाला ही था की राज उसकी Cost देखकर ऐसा उछल गया मानो उसने अपने पैरो के नीचे कोई साँप देख लिया हो! फिर एक दम से चिल्लाकर बोला "80 रुपए का नहाने का साबुन"

अबे मेरे गाँव में तो 80 रुपए के साबुन से पूरागाँव नहा ले!

राज इतनी जोर से चीखा की आस-पास Shopping कर रहे सभी लोग हमें घूर-घूरकर देखने लगे!फिर मेरा हाथ खिचकर मुझे ये बोलकर बाहर ले जाने लगा कि यहाँ चारो तरफ लूट ही लूट मची है!
मैने राज को समझना चाहा कि भाई ये लूट नहीं रहे है बल्कि Mall में तो Discount मिलता है! ये मॅहगा दरअसल इसलिए है क्योकी ये Branded है!

तो Branded है तो क्या?,है तो नहाने का साबुन ही न- राज ने मुँह चिढ़ाते  हुए कहा

हाँ भाई,है तो नहाने का साबुन ही मगर Product के अपने Special Feature है,Quality Based Product है आखिर और तो और Company ने इसके लिए Marketing भी तो तगड़ी की है! तभी तो भाई एक नहाने का साबुन भी अपने"Brand Name"से जाना जाता है!Company यही तो करती है अपने Product की तगड़ी मार्केटिंग करती है और एक"नहाने के साबुन" को भी Marketing के दम पर Super Star बना देती है! फिर सभी की जुबान पर बस उसी Product का नाम चढ़ जाता है! जानता है अभी अगर मैं कोई दूसरा नहाने का साबुन लेकर घर गया तो घरवाले दोबारा दौड़ा देंगे बोलेगे जाओ जाकर वही साबुन लेकर आओ! इसे कहते है मार्केटिंग समझा प्यारे-मैने राज को समझाते हुए कहा

चल बे कुछ भी फेकता है तो तेरे कहने का मतलब है कि बस मार्केटिंग कर दो तो Product के दाम अपने-आप
बढ़ जायेगे और लोग खरीदने भी लगेंगे -राज ने Maggi का एक पैकेट उठाते हुए कहा

नहीं ऐसा नहीं होगा -मैने कहा

तो फिर-राज ने दोबारा पूछा

देख,सिर्फ Marketing कर देने भर से Product बिकने नहीं लग जायेगा उसमे Features भी वैसे ही होने चाहिये! दूसरा वो जिस Range के Customer को ध्यान में रखकर बनाया गया है उनको धयान में रखकर ही उसकी Price और Quality तय होना भी जरुरी है साथ ही साथ उसकी Marketing भी वही होना चाहिए जहा उसके Buying Customer मौजूद हो !

क्या मतलब? अब Marketing तो Marketing ही होती होगी न कही ही करो,कैसी भी करो क्या फर्क पड़ता है?
-राज ने अपना सर खुजाते हुए कहा

नहीं,ऐसा नहीं होता,अच्छा चल तू ही सोच अगर बच्चो के Diaper बनाने वाली कोई Company अगर अपना Ad बार-बार Business Channel पर करेगी या एक Insurance बेचने वाली Company अगर अपना Ad Cartoon Channel पर करेगी तो Response तो फीका ही रहेगा ना और वो फीका केवल इसलिए रहेगा क्योकी आपने Product का Promotion ही गलत जगह किया है- मैने एक Branded Hair-oil  ट्राली में डालते हुए कहा

दोबारा एक Branded Product को मेरी ट्राली में देखकर राज मुँह बनाते हुए बोला "अबे चल बे कुछ भी फेकता है ये Ad-Wad करने, Product में Feature डालने, Marketing-Sharketing करने से कुछ नहीं होता! हाँ शहर में तेरे जैसे कुछ एक घनचक्कर जरूर होगे जो खरीद लेते होगे वरना तो जो सस्ता होता है न वही बिकता है- राज ने अब तक अपने हाथो में थामे Maggi के पैकेट को ट्राली में डालते हुए कहा

मैने पैकेट को बाहर निकाला और एक दूसरे Brand का पैकेट राज के हाथो में थमाते हुए कहा ये ले ले,ये उससे कीमत में 5 रुपए सस्ता है!

राज ने झट से मेरे हाथ से Maggi  का पैकेट छीना और दोबारा ट्राली में डालते हुए बोला अबे कैसी बाते करता है Maggi ही तो Noddles होती है वो भी पिली पन्नी वाली समझा

अबकी बार मैं भी समझा गया इसलिए मैने राज से कुह नहीं कहा और ट्राली धकेलता हुआ Bill Pay करने Bill Counter की और मूड गया !  
  




Wednesday 11 March 2015

3*4 का मकान





 मैं बड़ा खुश हुँ क्योकी मैं राज से मिलने उसके गाँव जा रहा हुँ!वैसे भी शहर की भाग-दौड़ के बीच से निकालकर गाँव की खुली हवा में रहना मुझे अच्छा लगता है इसलिए में हर 4-6 महीनो में राज से मिलने और गाँव की लाइफ Enjoy करने गाँव जाता ही हुँ!

जब में गाँव पहुंचकर राज से मिला तो वो भी मुझसे मिलकर बड़ा खुश हुआ! हम गले मिले और राज के घर के बाहर लगे खाट पर बैठकर गप्पे मारने लगे तभी मेरे मोबाइल ने बीप दी! मैने मोबाइल देखा तो उसमे 3*4  के नाम से एक video आया था! मैने Video राज को भी दिखाया जिसे देखकर राज बोला बढ़िया है यार और सही भी है अकेले रहने वालो के लिए बढ़िया मकान है अपने तो किसी काम का नहीं !


भाई अपना मकान तो तक़रीबन आधे एकड़ में फैला हुआ है और हो भी क्यों ना हम सब चाचा,बड़े पापा, दद्दू, दद्दू के भाई सब साथ में जो रहते है बड़ा मजा आता है! कुछ भी बोल यार पर साथ रहने के अपने मजे है हाँ सबको थोड़ा बहुत Compromise जरूर करना पड़ता है पर अपने को तो इसी मे मजा आता है!

अभी राज मुझसे ये सब कहा ही रहा था कि तभी अंकल (राज के पापा ) वहाँ आ गए उन्होंने 2 मिनट में मेरे हाल-चाल पूछे और अपने काम से निकल गए! मुझे लगा की अंकल थोड़े परेशान है इसलिए मैने पूछ भी लिया की राज घर में कोई Problem चल रही है क्या अंकल मुझे कुछ परेशान लग रहे थे ?

हाँ यार कुछ समय से पापा का कामकाज सही नहीं चल रहा-राज ने बड़ा लस्सी का गिलास मुझे थमाते हुए बताया !

मगर तुझे या घर को देखकर तो ऐसा नहीं लगता की अंकल का काम ठीक नहीं चल रहा-मैने लस्सी का एक बड़ा सिप लेते हुए कहा

अरे तो पापा का बिज़नेस ठीक-ठाक नहीं चलने का मेरी या घर की Condition ये क्या लेना-देना-राज ने बड़े आराम से लस्सी का गिलास खत्म करते हुए कहा

मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ की इसके पापा का Business Properly नहीं चल रहा है और ये है की है कि बोल रहा है कि इसका घर की Condition ये क्या लेना-देना और साला अभी 2 मिनट पहले मेरे सामने Joint Family में रहने की दुहाई दे रहा था! मुझसे रहा नहीं गया और मैने आखिर बोल ही दिया क्यों बे,अभी तो Joint Family में रहने की बड़ी-बड़ी बाते कर रहा था और अब देखो तो..

                                               मगर इससे पहले मैं कुछ और कहता राज बोल पड़ा अरे भाई मेरे कहने का मतलब है हम Joint family में रहते है मैं हुँ,चाचा है,बड़ेपापा है,उनके बच्चे है हम तो सब साथ-साथ ही रहते है! पापा और उनके सभी भाइयो के कामकाज जरूर अलग-अलग है मगर घर तो एक ही है न!

मतलब मै कुछ समझ नहीं -- मैने अपना सर खुजाते हुए कहा

अरे हमारे यहाँ तो ये चलता ही रहता है 2 साल पहले पापा का Business बढ़िया चल रहा था और चाचा का धंधा मंदा था कमाई नहीं थी अब कुछ समय से पापा की Business Income कम है-- राज ने कहा

मगर फिर भी इसका तेरे खर्च या घर खर्च से कैसे लेना देना नहीं ये बात मेरी समझ से बाहर है -मैने कहा

अबे इसमें समझना क्या है जब पापा की Condition अच्छी रहती है तब पापा घर पर ज्यादा पैसा देते है,मुझे और मेरे Cousins को बराबर-बराबर Pocket Money देते है,Business में चाचा की Financially और Emotionally Help करते है वही सब अभी चाचा कर रहे है हमारे लिए इसमें नया कुछ नहीं है और वैसे भी पापा परेशान नहीं है बल्कि Business को ज़माने की Planning में बिजी है समझा-राज ने मेरे हाथ से लस्सी का खाली गिलास लेते हुए कहा

भाई दरअसल Combine Family में रहना हो तो सीधा-सा नियम है कि एक कि परेशानी पूरे घर की परेशानी होती है और परिवार का एक सदस्य तरक्की करता है तो समझो पूरा घर बढ़ने लगता है! जब की Nuclear Family में तो हालत ये है की बेटा Dr.है और बाप इलाज़ समय पर न मिलने के कारण मर जाताहै!

वैसे Nuclear Family की सबसे बड़ी Problem यही है भाई कि वहां सब पर Individual demands हावी है!अरे तू Foreign को छोड़ तुम्हारे शहरो में ही हालत ये है कि बुढ़ापे में बच्चे अपने माँ-बाप के साथ नहीं रहते तो चाचा-काका तो बहुत दूर की बात है !

तू कुछ दिनों बाद देखना हालत ये होगी की पति-पत्नी होने के बावजूद दौनौ अलग-अलग घरो में रहेंगे, अपना अपना कमायेगे और अपना-अपना खर्च करेंगे थोड़े दिन रुक जा बेटा फिर वो दिन दूर नहीं जब Nuclear Family  की जगह Nuclear Person का Concept मार्केट में आ जायेगा ! क्योकि Family बोलने के लिए भी घर में कम से कम चार दीवारो के अलावा दो लोग तो चाहिए जो उसे Nuclear Family ही सही पर"Family" तो बनाये !

भाई Video मस्त है तू देखना आगे जाकर यही मकान Successful होगे वैसे size सही है--- 3 *4 और ये बोलकर राज Nuclear Family का मजाक उडाता हुआ गिलास रखने किचन में चला गया!

जबकि मैं अब भी वही बैठा-बैठा यही सोच रहा था कि क्या सचमूच ऐसा होने वाला है ? क्या सच में कुछ दिनों बाद 3*4 के मकान आस-पास देखने को मिलेंगे और क्या Nuclear Person का Concept जल्द ही हमारे यहाँ भी शुरू हो जायेगा! यही सब बाते मेरे दिमाग में घूम रही थी!

          

Monday 2 March 2015

पैसा देगा कौन........?


सुबह-सुबह मैंने ऑफिस खोला ही था की राज भडकता-भडकता मेरे ऑफिस के अंदर दाखिल हो गया और सिर पकड़कर बैठ गया! अब जरा आप ही सोचिये सुबह सुबह अगर कोई आपके वर्क-प्लेस पर माथा पकड़कर बैठ जाये तो आपको कैसा लगेगा फिर भी मैंने दोस्ती का फ़र्ज़ निभाते हुए राज को चाय ऑफर की और उसकी परेशानी जानना चाही! मगर ये क्या राज की समस्या तो"आम आदमी की समस्या" निकली बेचारा बजट से परेशान था क्योकि अब उसे Tax में और ज्यादा छूट नहीं मिलेगी,उसके रेस्टोरेंट बिल और ज्यादा मॅहगे हो जायेंगे,उसे Internet महंगा पड़ेगा क्योंकि सब चीजो पर Service Tax जो लगता हैं और भी न जाने क्या-क्या महंगा होंने से राज परेशान हो रहा था!

मैं समझता हूँ की राज Middle Class Family Background से ताल्लुख रखता हैं और जैसे आज तक अंकल ने पैसे कमाने के लिए सघर्ष किया है वैसे ही अब राज को भी करना पड़ेगा और जैसे पहले अंकल सारी जिंदगी मंहगाई से त्रास्त थे वही अब राज त्रस्त होगा ये कोई नई बात नहीं है !

अब मुझे इसमें कुछ नया नहीं लगता वैसे भी हर जगह की एक ही पालिसी हैं अमीर को पैसा मिलेगा तभी वो देगा और गरीब बोलेगा मेरे पास तो कुछ है ही नहीं तो मैं कहा से दू तो बचा तो Middle Class ही ना वही तो है जिसे Corporate भी Service देकर Service Tax लेना चाहेंगी,वही सरकार बेचारे की Income पर Income-Tax लेना चाहेगी! वैसे भी गरीब तो बोलता नहीं की मुझे Internet,Laptop, Parlour यूज़ करना है तो इनके दाम बढ़े या घटे इससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता उल्टा उसके लिए तो हर सरकार एक-दो मुफ्त में बाँटने वाली योजना ले ही आएगी तो उसके लिए तो Budget फायदे का ही सौदा रहता है और अमीर तो सरकार को चलाएगा तो Budget भी अपने हिसाब से ही बनवायेगा और वैसे भी किसी अमीर आदमी को दाम बढ़ने से फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वो तो Service Provider है उसे तो केवल Middle class पर वो Rate transfer करना हैं! तो Tax बढ़े या घटे इससे अमीर या गरीब को कोई फर्क नहीं पड़ता फर्क तो ………।

वैसे भी Tax का concept आया तो यही से है ना की अमीरो से Tax के रूप में पैसा लो और गरीब को दो!

Stealing from the rich to give to the poor  
                                               BY Robin-hood 
अब गरीब से तो सरकार बेचारी वैसे ही वोट के अलावा कुछ मांग ही नहीं सकती बल्कि उसे तो और खुश करने के लिए एक-दो मुफ्त योजना चलाना हर सरकार की duty हैं वही अमीर तो पैसे देने से रहा क्योंकि उसमें तो ज्यादा ही दिमाग हैं तभी तो उसका फैमिली के साथ Foreign घूमना-फिरना भी Business Tour बन जाता है! यहाँ तक की वो तो CA तक को Target देता होगा कि देख,मेरे हिसाब से मेरा 1 crore का टैक्स बनता हैं तू उसमे से 80 लाख बचवा दे तेरा (जो भी तय हो) कमीशन पक्का!

अब बेचारा Middle class कहा इन सबमे पड़ सकता हैं बेचारा न ही गरीब की तरह इन सब बुनयादी चीज़ो (Middle class के हिसाब से ) को छोड़ सकता हैं न ही पैसे वालो की तरह पैसो के साथ खेल सकता है इसलिए हमेशा रोता रहता हैं! जैसे राज रो रहा था मगर अब मैं ये सब बाते राज को कहा बार-बार समझाता रहता इसलिए मैं सोच ही रहा था कि उसे क्या कहु मगर मेरे किस्मत अच्छी थी की राज को एक Sales कॉल आया और वो तुरंत मेरे ऑफिस से भाग गया !

हाँ राज के जाने के बाद मुझे यही लगा की गलती राज की ही है उसे ही सोचना चाहिए कि जब अमीर देना नहीं चाहता और गरीब से तो सरकार बेचारी वैसे ही वोट के अलावा कुछ मांग नहीं सकती तो देश चलाने  के लिए

पैसा देगा कौन………………………?