Monday 2 March 2015

पैसा देगा कौन........?


सुबह-सुबह मैंने ऑफिस खोला ही था की राज भडकता-भडकता मेरे ऑफिस के अंदर दाखिल हो गया और सिर पकड़कर बैठ गया! अब जरा आप ही सोचिये सुबह सुबह अगर कोई आपके वर्क-प्लेस पर माथा पकड़कर बैठ जाये तो आपको कैसा लगेगा फिर भी मैंने दोस्ती का फ़र्ज़ निभाते हुए राज को चाय ऑफर की और उसकी परेशानी जानना चाही! मगर ये क्या राज की समस्या तो"आम आदमी की समस्या" निकली बेचारा बजट से परेशान था क्योकि अब उसे Tax में और ज्यादा छूट नहीं मिलेगी,उसके रेस्टोरेंट बिल और ज्यादा मॅहगे हो जायेंगे,उसे Internet महंगा पड़ेगा क्योंकि सब चीजो पर Service Tax जो लगता हैं और भी न जाने क्या-क्या महंगा होंने से राज परेशान हो रहा था!

मैं समझता हूँ की राज Middle Class Family Background से ताल्लुख रखता हैं और जैसे आज तक अंकल ने पैसे कमाने के लिए सघर्ष किया है वैसे ही अब राज को भी करना पड़ेगा और जैसे पहले अंकल सारी जिंदगी मंहगाई से त्रास्त थे वही अब राज त्रस्त होगा ये कोई नई बात नहीं है !

अब मुझे इसमें कुछ नया नहीं लगता वैसे भी हर जगह की एक ही पालिसी हैं अमीर को पैसा मिलेगा तभी वो देगा और गरीब बोलेगा मेरे पास तो कुछ है ही नहीं तो मैं कहा से दू तो बचा तो Middle Class ही ना वही तो है जिसे Corporate भी Service देकर Service Tax लेना चाहेंगी,वही सरकार बेचारे की Income पर Income-Tax लेना चाहेगी! वैसे भी गरीब तो बोलता नहीं की मुझे Internet,Laptop, Parlour यूज़ करना है तो इनके दाम बढ़े या घटे इससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता उल्टा उसके लिए तो हर सरकार एक-दो मुफ्त में बाँटने वाली योजना ले ही आएगी तो उसके लिए तो Budget फायदे का ही सौदा रहता है और अमीर तो सरकार को चलाएगा तो Budget भी अपने हिसाब से ही बनवायेगा और वैसे भी किसी अमीर आदमी को दाम बढ़ने से फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वो तो Service Provider है उसे तो केवल Middle class पर वो Rate transfer करना हैं! तो Tax बढ़े या घटे इससे अमीर या गरीब को कोई फर्क नहीं पड़ता फर्क तो ………।

वैसे भी Tax का concept आया तो यही से है ना की अमीरो से Tax के रूप में पैसा लो और गरीब को दो!

Stealing from the rich to give to the poor  
                                               BY Robin-hood 
अब गरीब से तो सरकार बेचारी वैसे ही वोट के अलावा कुछ मांग ही नहीं सकती बल्कि उसे तो और खुश करने के लिए एक-दो मुफ्त योजना चलाना हर सरकार की duty हैं वही अमीर तो पैसे देने से रहा क्योंकि उसमें तो ज्यादा ही दिमाग हैं तभी तो उसका फैमिली के साथ Foreign घूमना-फिरना भी Business Tour बन जाता है! यहाँ तक की वो तो CA तक को Target देता होगा कि देख,मेरे हिसाब से मेरा 1 crore का टैक्स बनता हैं तू उसमे से 80 लाख बचवा दे तेरा (जो भी तय हो) कमीशन पक्का!

अब बेचारा Middle class कहा इन सबमे पड़ सकता हैं बेचारा न ही गरीब की तरह इन सब बुनयादी चीज़ो (Middle class के हिसाब से ) को छोड़ सकता हैं न ही पैसे वालो की तरह पैसो के साथ खेल सकता है इसलिए हमेशा रोता रहता हैं! जैसे राज रो रहा था मगर अब मैं ये सब बाते राज को कहा बार-बार समझाता रहता इसलिए मैं सोच ही रहा था कि उसे क्या कहु मगर मेरे किस्मत अच्छी थी की राज को एक Sales कॉल आया और वो तुरंत मेरे ऑफिस से भाग गया !

हाँ राज के जाने के बाद मुझे यही लगा की गलती राज की ही है उसे ही सोचना चाहिए कि जब अमीर देना नहीं चाहता और गरीब से तो सरकार बेचारी वैसे ही वोट के अलावा कुछ मांग नहीं सकती तो देश चलाने  के लिए

पैसा देगा कौन………………………?   



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